मतदान का उच्च प्रतिशत बंगाल में आसन्न परिवर्तन का संकेत : नड्डा
By भाषा | Updated: March 31, 2021 19:49 IST2021-03-31T19:49:57+5:302021-03-31T19:49:57+5:30

मतदान का उच्च प्रतिशत बंगाल में आसन्न परिवर्तन का संकेत : नड्डा
धनेखली (पश्चिम बंगाल), 31 मार्च भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने बुधवार को कहा कि विधानसभा चुनाव के पहले चरण में मतदान का उच्च प्रतिशत पश्चिम बंगाल में आसन्न परिवर्तन का संकेत है क्योंकि ‘‘भ्रष्ट’’ तृणमूल कांग्रेस सरकार से लोगों का विश्वास उठ गया है।
नड्डा ने कहा कि ‘‘तृणमूल कांग्रेस के गुंडों’’ के बावजूद ‘‘शांतिपूर्ण चुनाव’’ कराने के लिए निर्वाचन आयोग प्रशंसा का पात्र है।
उन्होंने कहा, ‘‘खेल खत्म हो गया है। मतदान के उच्च प्रतिशत से लोगों की परिवर्तन की इच्छा का पता चलता है। ममता बनर्जी चिंतित हैं, क्योंकि चुनाव शांतिपूर्ण है और तृणमूल कांग्रेस के गुंडे अपने इरादों में कामयाब नहीं हो पा रहे।’’
राज्य में विधानसभा चुनाव के तहत 27 मार्च को पहले दौर का मतदान हुआ था, जिसमें 84.63 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दावा किया है कि पहले चरण में राज्य में जिन 30 सीटों पर मतदान हुआ है, भाजपा उनमें से 26 पर जीत दर्ज करेगी।
बनर्जी के भवानीपुर सीट छोड़ने और शुभेन्दु अधिकारी के खिलाफ नंदीग्राम से लड़ने पर नड्डा ने कहा, ‘‘यदि मुख्यमंत्री अपने ही (पूर्व) मंत्री से लड़ने जाती हैं तो बड़ा नेता कौन है?’’
उन्होंने कहा कि बनर्जी नंदीग्राम से चुनावी लड़ाई हारेंगी, जहां दूसरे चरण में बृहस्पतिवार को मतदान होगा।
नड्डा ने कहा कि अधिकारी ने तृणमूल कांग्रेस प्रमुख की चुनौती स्वीकार की है।
उन्होंने कहा, ‘‘नंदीग्राम के लोग स्पष्ट संदेश देंगे कि तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल से उखड़ जाएगी।’’
बनर्जी के चुनावी नारे ‘मां, माटी और मानुष’ को लेकर भाजपा प्रमुख ने कहा कि हाल में हुई 82 वर्षीय शोभा मजूमदार की मौत राज्य की दुखद स्थिति बयां करती है।
उन्होंने कहा, ‘‘मजूमदार की मौत से राज्य में मांओं की स्थिति का पता चलता है।’’
भाजपा ने सोमवार को दावा किया था कि पार्टी कार्यकर्ता गोपाल मजूमदार की मां शोभा मजूमदार की मौत तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के हमले में लगी चोटों की वजह से हुई।
तृणमूल कांग्रेस ने आरोपों को निराधार बताया है।
बनर्जी पर तुष्टीकरण की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि उन्हें इस बात से कोई दिक्कत नहीं है कि राज्य सरकार ने पिछले साल लॉकडाउन प्रतिबंधों के दौरान मुहर्रम के जुलूस को अनुमति दी, लेकिन यह बताया जाना चाहिए कि जिस दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर की नींव रखी, उस दिन बंगाल में कर्फ्यू क्यों लगाया गया।
उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस सरकार ने राज्य में दुर्गा पूजा और सरस्वती पूजा समारोहों पर प्रतिबंध लगाए, लेकिन अब बनर्जी चंडी पाठ कर रही हैं।
भाजपा प्रमुख ने बाद में पुरसुराह विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में एक रोडशो किया।
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