उच्च न्यायालय ने पंचायत चुनाव के आरक्षण में 2015 को आधार वर्ष के रूप में रखने का आदेश दिया
By भाषा | Updated: March 15, 2021 17:54 IST2021-03-15T17:54:03+5:302021-03-15T17:54:03+5:30

उच्च न्यायालय ने पंचायत चुनाव के आरक्षण में 2015 को आधार वर्ष के रूप में रखने का आदेश दिया
लखनऊ, 15 मार्च इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने सोमवार को राज्य सरकार को उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में आरक्षण को अंतिम रूप देने के लिए 2015 को आधार वर्ष के रूप में रखने का आदेश दिया और कहा कि राज्य में 25 मई तक पंचायत के चुनाव करा लिए जाएं।
राज्य सरकार के महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह ने अदालत को अवगत कराया कि राज्य सरकार आधार वर्ष के रूप में 2015 का पालन करने के लिए तैयार है।
सोमवार को न्यायमूर्ति ऋतुराज अवस्थी और न्यायमूर्ति मनीष माथुर की पीठ ने अजय कुमार द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह आदेश पारित किया।
लखनऊ पीठ ने 11 फरवरी को अपने आदेश में पंचायत चुनाव के लिये आरक्षण की अंतिम सूची पर रोक लगा दी थी, जिसमें राज्य सरकार ने वर्ष 1995 को आधार वर्ष मानकर चुनाव क्षेत्रों का आरक्षण किया था।
इससे पहले इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने चुनाव प्रक्रिया पूरी करने की समय सीमा 15 मई निर्धारित की थी। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता मोहम्मद अल्ताफ मंसूर ने राज्य सरकार के 1995 को आधार वर्ष के रूप में पालन करने के फैसले की वैधता पर सवाल उठाया था और उसे सितंबर 2015 की अधिसूचना के खिलाफ बताया था।
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