"हेमंत सोरेन की सरकार ने 3 वर्षों में झारखंड को खूब लूटा है", केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने झामुमो की सरकार को 'भ्रष्ट' बताते हुए कहा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: February 2, 2024 12:59 PM2024-02-02T12:59:15+5:302024-02-02T13:18:32+5:30
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और झारखंड मुक्ति मोर्च की गठबंधन वाली सरकार पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार ने पिछले तीन वर्षों में राज्य को खूब लूटा है।
नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने शुक्रवार को जमीन घोटाले में गिरफ्तार झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और झारखंड मुक्ति मोर्च की गठबंधन वाली सरकार पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार ने पिछले तीन वर्षों में राज्य को खूब लूटा है।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मुंडा ने कहा, "हेमंत सोरेन सरकार ने पिछले 3 वर्षों में झारखंड को लूटा है। जिसके कारण भूमि घोटाले, खनन घोटाले, निजी पट्टे और अन्य घोटाले जांच में सामने आये हैं। लोगों को सच्चाई बताने के बजाय उन्होंने राज्य की हर चीज को बचने की कोशिश की। इसलिए वो आज की तारीख में उनके खिलाफ जो जांच चल रही है, उसमें वो जवाब देने में फेल हो गये हैं।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए अर्जुन मुंडा ने कहा कि देश आज योग्य प्रधानमंत्री की अगुवाई में मिल रहे सुशासन के कारण आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि देश सुशासन के साथ आगे बढ़ना चाहता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि और साख बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। यह हम सभी के लिए गर्व की बात है कि भारत की राष्ट्रपति एक महिला हैं और वह भी वो एक आदिवासी समुदाय से आती हैं।”
मालूम हो कि रांची में सेना की जमीन में हुए कथित घोटाला मामले में कई समन और कई घंटों की पूछताछ के बाद बुधवार रात को ईडी ने हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया।
पूर्व सीएम सोरेन ने अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, लेकिन देश की सर्वोच्च अदालत ने भूमि सौदा मामले में ईडी द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका को ठुकराते हुए कहा कि वो अपील के लिए रांची उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएं।
सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने कहा कि वे सोरेन की याचिका पर कोई विचार नहीं करना चाहते हैं।
कोर्ट ने कहा, "हम हेमंत सोरेन की वर्तमान याचिका पर विचार करने के इच्छुक नहीं हैं। याचिकाकर्ता के पास क्षेत्राधिकार वाले हाईकोर्ट में अपील करने का विकल्प खुला है। हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता अपनी याचिका के शीघ्र सुनवाई की अपील कर सकता है।''
आज सुबह में सुप्रीम कोर्ट में तीन जजों की बेंच बैठी तो उसने हेमंत सोरेन की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल से पूछा, "आप इस मुद्दे को लेकर हाईकोर्ट से क्यों नहीं संपर्क करते हैं?"
वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कोर्ट से कहा कि यह मामला एक मुख्यमंत्री से संबंधित है जिसे गिरफ्तार किया गया है। शीर्ष अदालत ने टिप्पणी की कि अदालतें सभी के लिए खुली हैं और उच्च न्यायालय संवैधानिक हैं। शीर्ष अदालत ने कहा, 'अगर वे एक व्यक्ति को अनुमति देते हैं तो उन्हें सभी को अनुमति देनी होगी।'
हेमंत सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट में कथित तौर पर धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 की धारा 50 के तहत जारी किए गए ईडी के 22 जनवरी 2024 और 25 जनवरी 2024 के समन को अवैध होने के विषय में चुनौती दी थी। सोरेन ने कोर्ट से मांग की थी कि ईडी के सभी समन और उठाए गए सभी कदमों को रद्द किया जाए।
झामुमो प्रमुख सोरेन ने दावा किया था कि उन्हें ईडी के हाथों लगातार उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है औऱ जांच एजेंसी अपने राजनीतिक आकाओं के आदेश पर अपने अधिकार और शक्तियों का दुरुपयोग कर रही है।