Hemant Soren Government Cabinet Expansion LIVE: झारखंड विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने के बाद अब हेमंत सोरेन मंत्रिमंडल में 11 नए मंत्रियों को राजभवन में आयोजित एक सादे समारोह में राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। मंत्रिमंडल में तीन नए चेहरों को शामिल किया गया है। हेमंत सोरेन के लिए मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ने वाले चंपई सोरेन भी मंत्री बनाए गए हैं। वह पूर्व की हेमंत सोरेन कैबिनेट में भी शामिल थे। चंपई सोरेन के अलावा जिन मंत्रियों को शपथ दिलाई गई है, उनमें कांग्रेस के डॉ. रामेश्वर उरांव, बन्ना गुप्ता, इरफान अंसारी, दीपिका पांडेय सिंह, झामुमो के मिथिलेश ठाकुर, दीपक बिरुआ, बैद्यनाथ राम, हफीजुल हसन एवं बेबी देवी और राजद के सत्यानंद भोक्ता शामिल हैं।
हेमंत सोरेन के छोटे भाई बसंत सोरेन और कांग्रेस कोटे के मंत्री बादल पत्रलेख को इस बार ड्रॉप किया गया है। इस बार तीन नए चेहरों को कैबिनेट में जगह दी गई है। इनमें कांग्रेस कोटे से डॉ. इरफान अंसारी एवं दीपिका पांडेय सिंह और झामुमो कोटे से वैद्यनाथ राम शामिल हैं। इरफान अंसारी को जेल में बंद पूर्व मंत्री आलमगीर आलम के स्थान पर कैबिनेट में अल्पसंख्यक चेहरे के रूप में जगह दी गई है।
जबकि दीपिका पांडेय सिंह को ड्रॉप किए गए मंत्री बादल की जगह रिप्लेस किया गया है। झामुमो कोटे से बसंत सोरेन (हेमंत सोरेन के छोटे भाई) को रिप्लेस कर बैद्यनाथ राम को जगह दी गई है। हेमंत सोरेन ने 4 जुलाई को मुख्यमंत्री के रूप में तीसरी बार शपथ ली थी। हेमंत सोरेन कैबिनेट में पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने सबसे पहले पद और गोपनीयता की शपथ ली।
राजभवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के अलावा कांग्रेस के झारखंड प्रभारी गुलाम अहमद मीर, झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन समेत सत्ताधारी दल के कई विधायक सांसद और वरिष्ठ नेता मौजूद थे। इसके अलावा विभिन्न बोर्ड-निगम के अध्यक्ष और सदस्यों के अलावा गणमान्य अतिथि मौजूद थे।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को विधानसभा में विश्वासमत जीत लिया। यह चौथी बार है जब हेमंत सोरेन ने विश्वास मत का प्रस्ताव जीता है। विश्वास मत के पक्ष में 45 तो विपक्ष में शून्य मत डाले गए। विश्वास मत के प्रस्ताव पर बहस के बाद मत परीक्षण के समय विपक्ष ने सदन से वॉक आउट कर दिया। इस कारण विपक्ष में शून्य मत गिने गए।
81 सदस्यीय विधानसभा में विधायकों का मौजूदा संख्या 76 है और बहुमत के लिए 39 मतों की जरूरत थी। हेमंत सोरेन ने 3 जुलाई को सरकार बनाने के लिए राज्यपाल के पास दावा पेश करते वक्त 44 विधायकों के हस्ताक्षर वाला समर्थन पत्र सौंपा था, जबकि सरकार के पक्ष में 45 वोट डाले गए हैं। भाकपा-माले के एक विधायक का भी सरकार को समर्थन प्राप्त है।
दूसरी तरफ एनडीए के पास केवल 27 विधायक हैं। पहली बार 2013 में मुख्यमंत्री बनने के बाद वह फ्लोर टेस्ट में सफल हुए थे। दूसरी बार 2019 के विधानसभा चुनाव में झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन की जीत के बाद मुख्यमंत्री बने थे और विधानसभा में विश्वास मत जीता था।
तीसरी बार 5 सितंबर, 2022 को उन्होंने राज्यपाल द्वारा सरकार को बर्खास्त किए जाने की आशंका को देखते हुए एक दिन का विशेष सत्र बुलाकर विश्वास मत साबित किया था। मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी ने हेमंत सोरेन को 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था। फिर उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और चंपई सोरेन को 2 फरवरी को मुख्यमंत्री बनाया गया था।