पटनाः बिहार और नेपाल के तराई क्षेत्र में हो रही भारी बारिश से राज्य में कई जिलों में हालात बेहत गंभीर हो गई है। गंगा के बढ़ते जलस्तर से पूर्वी बिहार के गंगा किनारे बसे जिलों में बाढ़ की स्थिति लगातार गंभीर होती जा रही है। भागलपुर की लाइफलाइन माने जाने वाले एनएच-80 पर यातायात बुरी तरह प्रभावित हो गया है।
सबौर-कहलगांव के बीच बीएच एनएच के डाइवर्जन में सीपेज के कारण सीओ ने भारी वाहनों के परिचालन पर रोक लगा दी है। वहीं, पश्चिम की ओर भागलपुर-सुल्तानगंज के बीच भवनाथपुर में एनएच-80 पर गंगा का पानी आर-पार बहने लगा है, जिससे सड़क पर आवागमन लगभग ठप हो गया है।
वहीं, नदियों के बढ़े जलस्तर को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग ने लोगों से नदियों से दूरी बनाए रखने की अपील की है। विभाग ने संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बचाव और राहत कार्यों की तैयारी शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्वयं नदियों के जलस्तर की लगातार रिपोर्ट ले रहे हैं और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दे रहे हैं।
स्थिति पर सरकार की कड़ी नजर है ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके। इसबीच मौसम विभाग लगातार अलर्ट जारी कर रहा है। साथ ही स्थानीय प्रशासन लोगों की मदद कर रहा है। नदियों के किनारे रहने वाले लोगों को ऊंचे स्थान पर भेजा जा रहा है। बाढ़ से सबसे ज्यादा नदी के किनारे रहने वाले इलाके प्रभावित हैं।
राज्य की राजधानी पटना, सुपौल समेत कई जिलों में रात से ही रुक-रुककर बारिश हो रही है, जिससे हालात और भी खराब हो गए हैं। खगड़िया जिले में गंगा और गंडक दोनों नदियां उफान पर हैं और खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। गंडक नदी का पानी एनएच-31 तक पहुंच चुका है। निचले इलाकों के लोग अब एनएच पर शरण लेने को मजबूर हैं।
शहर के लोहिया नगर और कृष्णापुरी मोहल्लों में भी बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है। कटिहार जिले में भी नदियों के जलस्तर में निरंतर वृद्धि हो रही है। कुरसेला, बरारी, मनिहारी और अमदाबाद प्रखंड के दो दर्जन से अधिक गांव जलमग्न हो चुके हैं। स्थानीय प्रशासन ने नावों की मदद से राहत व बचाव कार्य शुरू किया है।
बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल कार्यालय, नवगछिया से मिली जानकारी के अनुसार, शुक्रवार शाम मदरौनी में कोसी नदी खतरे के निशान (31.48 मीटर) से चार सेंटीमीटर ऊपर 31.52 मीटर पर बह रही थी। वहीं, गंगा नदी इस्माईलपुर-बिंद टोली में 33.25 मीटर पर बह रही है, जो उच्चतम जहाज 33.50 मीटर से केवल 25 सेंटीमीटर नीचे है।
मुख्य अभियंता इं. अनवर जमील ने सभी संवेदनशील इलाकों में 24 घंटे निगरानी का आदेश दिया है। गंगा के जलस्तर में तेज वृद्धि से गोराडीह प्रखंड में बाढ़ की स्थिति भयावह हो चुकी है। चार स्थानों पर करीब चार फीट पानी चढ़ जाने से पांच पंचायतों के लगभग 50 गांवों का जिला मुख्यालय से सीधा संपर्क टूट गया है।
लोग अब 25 किलोमीटर का लंबा चक्कर लगाकर आ-जा रहे हैं। नदियामा और योगिया में बाढ़ ने विकराल रूप ले लिया है। आवागमन पूरी तरह ठप है। पंचायत सरकार भवन, ई-किसान भवन, व्यापार मंडल गोदाम और नवनिर्मित सीएससी भवन तक में पानी घुस गया है और ये चारों ओर से बाढ़ के पानी से घिर गए हैं।
भागलपुर, खगड़िया और कटिहार जिलों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को तैनात किया गया है। नावों और मोटरबोट से राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है। प्रशासन ने लोगों को निचले इलाकों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है और कई जगहों पर अस्थायी शिविर बनाए गए हैं। मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों में उत्तर बिहार और नेपाल के तराई क्षेत्रों में भारी बारिश की संभावना जताई है।
जिससे नदियों के जलस्तर में और वृद्धि हो सकती है। मौसम विभाग ने उत्तर बिहार में भारी बारिश की आशंका को देखते हुए येलो अलर्ट जारी किया है। विभाग ने इस क्षेत्र में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। जिला प्रशासन भी स्थिति पर अपनी नजर बनाए हुए है।