नयी दिल्ली, चार फरवरी सिंघू बॉर्डर पर दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए स्वतंत्र पत्रकार मनदीप पुनिया ने रिहा होने के बाद कहा है कि उन्होंने तिहाड़ जेल में किसानों से बात कर बातचीत के अंश अपनी टांगों पर लिखे, जिसके बारे में वह अपनी खबर में विस्तार से लिखेंगे।
पुनिया को अदालत से जमानत मिलने के बाद बुधवार को जेल से रिहा किया गया था।
जेल के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, ''यहां (जेल के अंदर) रहना मेरे लिए एक अवसर बनकर आया है। मुझे जेल में बंद किसानों से बात करने का मौका मिला और मैंने उनसे हुई बातचीत के अंश अपनी टांगों पर लिख लिए। मैं अपनी खबर में इस बारे में विस्तार से लिखूंगा।''
उन्होंने कहा, ''मेरा काम ग्राउंड जीरो से खबर देना है...मैंने किसानों से पूछा कि उन्हें क्यों और कैसे गिरफ्तार किया गया।''
पुनिया ने कहा कि वह सिंघू बॉर्डर पर प्रदर्शन शुरू होने के पहले दिन से ही इसे कवर कर रहे हैं।
उन्होंने ट्वीट किया, ''एक पत्रकार के रूप में सच्चाई और ईमानदारी से खबर देना मेरी जिम्मेदारी है। मैं बस वही कर था। मैं प्रदर्शन स्थल पर हमला करने वालों का पता लगाने की कोशिश कर रहा था। गिरफ्तारी से मेरे काम में बाधा पहुंची है। मेरा कीमती समय बर्बाद हुआ है। मुझे नहीं लगता कि मैंने कोई गलत काम किया।''
पुनिया ने पुलिस पर उनके काम में दखल देने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस घटना से अपने काम को जारी रखने के उनके संकल्प को मजबूती मिली है।
दिल्ली पुलिस ने पुनिया को गत शनिवार सिंघु बॉर्डर से गिरफ्तार किया था। उनपर सरकारी कर्मचारियों के काम में बाधा डालने, सरकारी कर्मचारियों पर हमला करने, जान-बूझकर व्यवधान डालने और गैर-कानूनी हस्तक्षेप करने के आरोप हैं।
मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत ने रविवार को उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। हालांकि 25 हजार रुपये का निजी मुचलका भरने के बाद बुधवार को उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया।
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