Hathras Stampede: 'भोले बाबा का रिपोर्ट में नाम नहीं', CM योगी आदित्यनाथ को सौंपी रिपोर्ट में SIT ने इन्हें माना दोषी
By आकाश चौरसिया | Updated: July 9, 2024 11:13 IST2024-07-09T10:24:04+5:302024-07-09T11:13:12+5:30
Hathras Stampede Accident: बीती 2 जुलाई को हाथरस में 'सत्संग' भगदड़ की घटना से करीब 121 लोगों ने अपनी जान चली गई थी, जिसके बाद सत्संग आयोजकों और खुद कथावाचक नारायण साकार हरि जांच के घेरे में आ गए थे। लेकिन रिपोर्ट में भोले बाबा का नहीं है, जबकि दोषी आयोजकों को माना गया।

फोटो क्रेडिट- (एएनआई)
Hathras Stampede Accident: विशेष जांच दल (SIT) ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) को हाथरस मामले में अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। हालांकि, इस रिपोर्ट में 'भोले बाबा' उर्फ सूरजपाल सिं जाटव का कहीं भी नाम सामने नहीं आया है। इसकी जगह रिपोर्ट यह कहती है हादसा लोगों की ज्यादा संख्या होने की वजह से हुआ। इस जांच टीम को आगरा जोन एडीजी और कमिश्नर अलीगढ़ लीड कर रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक रिपोर्ट की जांच के बाद दोषी पाए गए सत्संग स्थल के आयोजकों, अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई हो सकती है। उन्होंने कहा कि भीड़ को ठीक से प्रबंधित करने में विफल रहने पर स्थानीय प्रशासन को भी परिणाम भुगतना पड़ सकता है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को मीडिया को बताया कि हाथरस भगदड़ की जांच कर रहे विशेष जांच दल ने उत्तर प्रदेश सरकार को रिपोर्ट सौंप दी है।
विशेष जांच दल का नेतृत्व आगरा जोन के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अनुपम कुलश्रेष्ठ ने किया। रिपोर्ट में बताया गया कि 'सत्संग' के आयोजन के लिए जिम्मेदार समिति ने अनुमति से अधिक लोगों को बुलाया था। एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि रिपोर्ट में आयोजन समिति पर उचित व्यवस्था करने में विफल रहने और आयोजन स्थल का निरीक्षण नहीं करने का आरोप लगाया।
150 व्यक्तियों के बयान दर्ज किए
एडीजी आगरा जोन अनुपम कुलश्रेष्ठ और कमिश्नर अलीगढ़ चैत्रा बी के नेतृत्व में एसआईटी ने सरकारी कर्मचारियों और पीड़ित के परिवार के सदस्यों सहित लगभग 150 व्यक्तियों के बयान दर्ज किए। सीएम ने घटना के 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट मांगी थी। हालांकि, दो सदस्यीय समिति को अपनी रिपोर्ट पूरी करने में छह दिन लग गए।
बीती 2 जुलाई को हाथरस में 'सत्संग' भगदड़ की घटना से करीब 121 लोगों ने अपनी जान चली गई थी, जिसके बाद सत्संग आयोजकों और खुद कथावाचक नारायण साकार हरि जांच के घेरे में आ गए थे। लेकिन रिपोर्ट में भोले बाबा का नहीं है, जबकि दोषी आयोजकों को माना गया। बता दें कि इस आयोजन स्थल पर यूपी के ही नहीं बल्कि आस पड़ोस के राज्यों से भी लोग पहुंचे थे। अधिकारियों ने बताया है कि आयोजन स्थल पर मरने वालों के शवों की पहचान करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि यह त्रासदी तब हुई जब कार्यक्रम समाप्त होने पर भक्तों ने भोले बाबा की एक झलक पाने की कोशिश की।