उत्तर प्रदेश हाथरस में एक दलित लड़की के साथ कथित गैंगरेप और उसकी मौत के बाद जिस तरह आधी रात को उसका अंतिम संस्कार कराया गया, उसे लेकर देश में आक्रोश है। विपक्ष इस पूरी घटना पर यूपी की सरकार और प्रशासन को सवालों के घेरे में खड़ा कर रहा है। इस बीच लड़की के परिवार की ओर से डीएम पर आरोप लगाया गया कि जिला प्रशासन दबाव बना रहा है।
हाथरस से एक वीडियो भी वायरस हुआ है, जिसे प्रियंका गांधी ने भी ट्वीट किया है। इस वायरल वीडियो में जिले के डीएम कहते दिख रहे हैं मीडिया वाले तो चले जाएंगे, मगर पुलिस और प्रशासन यहीं रहेगी। पीड़िता के परिवार का कहना है कि उस पर केस को रफा-दफा करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है।
वीडियो में हाथरस के डीएम प्रवीण कुमार पीड़िता के परिवार से कहते दिखर रहे हैं, 'आप अपनी विश्वसनीयता खत्म मत कीजिए...मीडिया वाले आधे चले गए हैं... कल सुबह आधे निकल जाएंगे...दो-चार बचेंगे कल शाम... हम आपके साथ खड़े हैं... अब आपकी इच्छा है कि आपको बयान बदलना है या नहीं बदलना है। अभी हम भी बदल जाएंगे।'
इस बीच पीड़िता की भाभी का भी वीडियो सामने आया है जिसमें वो बता रही है कि उनसे बोला गया कि तुम्हारी लड़की अगर कोरोना से मर जाती तो मुआवजा मिल जाता क्या। हमें धमकियां मिल रही हैं। पापा को धमकाया जा रहा है। उस वक्त हालात ऐसे थे कि जो मन में आ रहा था हम लोग बोल रहे थे। अब ये लोग हमें यहां रहने नहीं देंगे। ये डीएम (जिलाधिकारी) ज्यादा ही चालबाजी कर रहे हैं, प्रेशर (दबाव) डाल रहे हैं जबरदस्ती।
प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया वीडियो
डीएम के परिवार से बात करने वाले एक वीडियो को प्रियंका गांधी ने भी ट्वीट किया है। प्रियंका गांधी ने वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, 'यूपी सरकार किसी को पीड़िता के गांव जाने से क्यों रोक रही है उसका जवाब यहां है? पीड़िता के परिवार को हाथरस डीएम जाकर धमका रहे हैं। न मीडिया जा पायेगा, न हम लोग तो यूपी सरकार पीड़िता के परिवार को खुलकर धमका पाएगी।'
बता दें कि लड़की के पिता ने कहा कि उन पर सरकारी अधिकारी दबाव डाल रहे हैं। उन्होंने मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की है। लड़की के पिता ने दावा किया कि पुलिस थाने जाने के लिये उन पर दबाव डाला गया, जहां जिलाधिकारी और पुलिस अधिकारियों ने उनके परिवार के तीन सदस्यों से कुछ कागजात पर हस्ताक्षर कराये।
गौरतलब है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भी हाथरस मामले का संज्ञान ले लिया है और राज्य सरकार के शीर्ष अधिकारियों को समन भेजा गया है। हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ के जस्टिस राजन रॉय और जस्टिस जसप्रीत सिंह की पीठ ने उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और अपर पुलिस महानिदेशक को समन जारी कर सभी से 12 अक्टूबर को अदालत में पेश होने और मामले में स्पष्टीकरण देने को कहा है। पीठ ने युवती के माता-पिता से भी कहा है कि वे अदालत आकर अपना पक्ष रखें।