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हरियाणा कांग्रेस में रार तेज, भूपेंद्र सिंह हुड्डा समर्थक 20 विधायक महासचिव वेणुगोपाल से मिले, यह मांग दोहराई

By भाषा | Updated: July 6, 2021 18:00 IST

विधायकों ने स्पष्ट किया कि हरियाणा में मजबूत नेतृत्व और संगठन की बदौलत ही भाजपा सरकार को कारगर ढंग से चुनौती दी जा सकती है।

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ठळक मुद्देप्रदेश में संगठन के निर्माण और पार्टी को मजबूत करने के लिए विचार-विमर्श का दौर चल रहा है।पिछले कुछ वर्षों से हरियाणा कांग्रेस में संगठन नहीं बन पाया है। मांग भी उठाई में मौजूदा हालात में वहां कांग्रेस को मजबूत नेतृत्व की जरूरत है।

नई दिल्लीः कांग्रेस की हरियाणा इकाई में चल रही रस्साकशी के बीच पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समर्थक करीब 20 विधायकों ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव केसी वेणुगोपाल से मुलाकात की और राज्य के मौजूदा हालात का उल्लेख करते हुए मजबूत नेतृत्व की मांग उठाई।

हुड्डा के करीबी सूत्रों का कहना है कि इन विधायकों ने स्पष्ट किया कि हरियाणा में मजबूत नेतृत्व और संगठन की बदौलत ही भाजपा सरकार को कारगर ढंग से चुनौती दी जा सकती है। दूसरी तरफ, प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष कुमारी सैलजा के करीबी सूत्रों ने वेणुगोपाल के साथ विधायकों की मुलाकात को ज्यादा तवज्जो नहीं देते हुए कहा कि प्रदेश में संगठन के निर्माण और पार्टी को मजबूत करने के लिए विचार-विमर्श का दौर चल रहा है तथा यह मुलाकात भी इसी से जुड़ी है।

सैलजा समर्थकों का यह भी कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री और इंडियन नेशनल लोक दल (इनेलो) के नेता ओमप्रकाश चौटाला की जेल से रिहाई के बाद हुड्डा गुट अपनी सक्रियता बढ़ाने की कोशिश में है ताकि जाट समुदाय के बीच पकड़ को बनाए रखा जा सके। कांग्रेस के एक विश्वस्त सूत्र ने बताया, ‘‘हुड्डा समर्थक विधायकों ने वेणुगोपाल के साथ मुलाकात के दौरान इस बात का उल्लेख किया कि पिछले कुछ वर्षों से हरियाणा कांग्रेस में संगठन नहीं बन पाया है। उन्होंने यह मांग भी उठाई में मौजूदा हालात में वहां कांग्रेस को मजबूत नेतृत्व की जरूरत है।’’

पिछले दिनों हुड्डा समर्थक 19 विधायकों ने कांग्रेस हरियाणा प्रभारी विवेक बंसल से मुलाकात कर कुमारी सैलजा को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने की मांग की थी। हुड्डा समर्थक एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि हुड्डा जी की अगुवाई में ही भाजपा की सरकार को ज्यादा कारगर ढंग से चुनौती दी जा सकती है और कांग्रेस मजबूत हो सकती है।’’

उधर, सैलजा समर्थक एक नेता का कहना है, ‘‘मौजूदा राजनीतिक गतिविधि का कारण ओमप्रकाश चौटाला की जेल से रिहाई और जाट राजनीति है। हुड्डा गुट जाट समुदाय के बीच अपनी पकड़ बनाए रखना चाहता है और उसे यह पता है कि इसमें ओमप्रकाश चौटाला से उसे चुनौती मिल सकती है।’’

उल्लेखनीय है कि शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में करीब 10 साल की सजा काटने के बाद ओम प्रकाश चौटाला को गत शुक्रवार को रिहा कर दिया गया। चौटाला हरियाणा की राजनीति में बड़े जाट नेता के तौर पर देखे जाते हैं। दूसरी तरफ, हुड्डा भी राज्य के बड़े जाट नेता हैं। राज्य में किसी सरकार को बनाने में जाट मतदाताओं की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जाती है।

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