हरियाणा चुनाव: अगर बीजेपी और कांग्रेस रह गईं बहुमत से दूर, तो दुष्यंत चौटाला कैसे बन सकते हैं 'किंगमेकर', जानिए

By अभिषेक पाण्डेय | Published: October 23, 2019 04:03 PM2019-10-23T16:03:08+5:302019-10-23T16:03:08+5:30

Dushyant Chautala: हरियाणा विधानसभा चुनावों में त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति बनने पर दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी किंगमेकर की भूमिका निभा सकती है

Haryana Assembly Polls 2019: Dushyant Chautala could be kingmaker if BJP and congress fall short of majority | हरियाणा चुनाव: अगर बीजेपी और कांग्रेस रह गईं बहुमत से दूर, तो दुष्यंत चौटाला कैसे बन सकते हैं 'किंगमेकर', जानिए

दुष्यंत चौटाला हरियाणा में त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में बन सकते हैं किंगमेकर

Highlightsदुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी निभा सकती है किंगमेकर की भूमिकाहरियाणा चुनावों में बीजेपी, कांग्रेस के बहुमत से दूर रहने पर दुष्यंत की भूमिका होगी अहम

भले ही ज्यादातर एग्जिट पोल में हरियाणा में बीजेपी की सरकार फिर से बनने का अनुमान लगाया गया हो लेकिन एक एग्जिट पोल के मुताबिक इस बार हरियाणा में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है और 24 अक्टूबर को आने वाले नतीजों में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत मिलता नजर नहीं आ रहा है। 

अगर ऐसा हुआ तो इंडियन नेशनल लोकदल से अलग होकर बनी दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) सरकार गठन में किंगमेकर की भूमिका निभा सकती है।  

दुष्यंत चौटाला बन सकते हैं किंगमेकर!

इंडिया डुटे-ऐक्सिस मई इंडिया के एग्जिट पोल ने बाकी पोल्स के उलट इन हरियाणा चुनावों में त्रिशंकु विधानसभा का अनुमान जाता है। इस एग्जिट पोल के मुताबिक इन हरियाणा चुनावों में बीजेपी को 32-44, कांग्रेस को 30-42, जबकि जेजेपी को 6-10, जबकि अन्य को 6-10 सीटें मिल सकती हैं। 

अगर इस एग्जिट पोल का अनुमान सही साबित हुआ तो दुष्यंत चौटाला नई सरकार के गठन में किंगमेकर की भूमिका निभा सकते हैं। अगर बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां बहुमत के लिए जरूरी 46 सीटों के आंकड़े तक नहीं पहुंच पाती हैं और दुष्यंत चौटाला की जेजेपी 10 सीटें जीत लेती है तो इन दोनों ही पार्टियों को सरकार गठन के लिए जेजेपी के समर्थन की जरूरत पड़ेगी। 

दुष्यंत की जेजेपी को हुआ जाट-दलित-मुस्लिम वोटों से फायदा?

राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, हरियाणा में कम से कम 30 सीटें जाट-दलित-मुस्लिम-बहुल वोट बैंक वाले हैं, जिनका इन चुनावों में रणनीतिक रूप से विशेष महत्व है। जहां जाट 2016 के जाट आंदोलन के वर्तमान निवारण से नाखुश हैं, तो वहीं दलित डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की गिरफ्तारी के बाद से अलग-थलग महसूस कर रहे हैं, जो अभी रेप के आरोपों में जेल में हैं। 

माना जा रहा है कि जेजेपी को जाटों और दलितों की इसी नारागजी का फायदा इन चुनावों में मिल सकता है। साथ ही इंडियन नेशनल लोकदल के बिखरने से उसके पारंपरिक वोट बैंक भी जेजेपी के खाते में जा सकता है।

हरियाणा विधानसभा की 90 सीटों के लिए सोमवार को वोट डाले गए थे। ये विधानसभा चुनाव इसलिए महत्पपूर्ण हैं क्योंकि ये लोकसभा चुनावों के महज पांच महीने बाद हो रहे हैं, जिनमें बीजेपी ने राज्य की सभी 10 सीटें जीती थीं। 

Web Title: Haryana Assembly Polls 2019: Dushyant Chautala could be kingmaker if BJP and congress fall short of majority

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