नई दिल्लीः कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गुलाम नबी आजाद की हालिया टिप्पणी को लेकर बुधवार उनपर निशाना साधा। हरीश रावत ने कहा कि ''मोदी जी को धन्यवाद देने के लिए यदाकदा वक्त निकालते रहते हैं, लेकिन उनको ये नहीं भूलना चाहिए कि ये कांग्रेस का नेतृत्व ही था या कांग्रेस के कार्यकर्ता थे जिन्होंने उनको आजाद बनाए रखा। उनके नाम को ऊपर उठाए रखा।''
हरीश रावत ने कहा कि कुछ सालों बाद उनसे पूछिएगा कि आजाद साहब, कैसे और कहाँ हैं। वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि सोनिया गांधी हमारी नेता हैं, राहुल गांधी भी हमारे नेता हैं। सोनिया गांधी ने गुलाम नबी आजाद को क्या कुछ नहीं दिया। इसका गुलाम नबी आजाद ने जो सिला दिया उससे उन्होंने अपने नाम को गंदा किया है।
गौरतलब है कि बुधवार समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए पूर्व कांग्रेस नेता और डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी (डीएपी) प्रमुख गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस की कमियों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि कुछ कमियां सभी राजनीतिक पार्टियों में होती हैं, कांग्रेस में भी कुछ कमियां रही हैं। मैं आशा करता हूं कि कांग्रेस पार्टी उन गलतियों को ठीक करे, आगे बढ़े और एक राष्ट्रीय पार्टी की भूमिका निभाए।
आजाद ने भाजपा की केंद्र सरकार की विदेश नीति की तारीफ की। उन्होंने कहा कि हम 24 घंटे नींद से उठकर मोदी और भाजपा को गालियां नहीं देते। विदेश नीति में दुनिया विफल हो गई परन्तु भारत सफल हुआ है। कुछ चीजों में भाजपा को सुधार करना होगा नहीं तो उनका भी कांग्रेस जैसा हाल हो सकता है। विधानसभाओं को तोड़फोड़ करने का सिलसिला बंद करना होगा।
इससे पहले एक इंटरव्यू में गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस पर परोक्ष हमला करते हुए कहा कि आज के दौर में केवल भाजपा और सीपीएम ही ऐसी पार्टियां बची हैं, जो जमीनी स्तर पर काम करते हैं। लोगों से जुड़ने का प्रयास करते हैं। एक समय था, जब यूपी में मायावती की बसपा जमीनी स्तर पर काम करती थी लेकिन जैसे ही उसने जमीनी राजनीतिक छोड़ा, बसपा हार गई। ठीक उसी तरह कांग्रेस के ज्यादातर नेता पहले जमीनी कार्यकर्ता थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है।