कांग्रेस में इस्तीफों का दौर जारी है। इसी बीच AICC के महासचिव हरीश रावत ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। हरीश रावत ने साल 2019 के लोकसभा चुनावों में पार्टी की हार को जिम्मेदार ठहराते हुए दिया है। मालूम हो कि 2019 लोकसभा चुनाव में उत्तराखंड की पांच सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल की थी । वहीं, 2014 चुनाव में भी यहां की सभी सीटों पर बीजेपी ने अपना परचम फहराया था।
इससे पहले लोकसभा चुनाव के बाद से अपने इस्तीफे को लेकर एक महीने से बनी असमंजस की स्थिति पर पूर्णविराम लगाते हुए राहुल गांधी ने बुधवार को त्यागपत्र की औपचारिक घोषणा कर दी थी और कहा कि पार्टी के ‘भविष्य के विकास’ के लिए उन्होंने यह कदम उठाया है।
चुनावी हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए गांधी ने कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) को यह सुझाव भी दिया कि नया अध्यक्ष चुनने के लिए एक समूह गठित किया जाए क्योंकि उनके लिए यह उपयुक्त नहीं है कि वह इस प्रक्रिया में शामिल हों। इस बीच, सूत्रों का कहना है कि सीडब्ल्यूसी की ओर से इस्तीफा स्वीकार किए जाने और नए अध्यक्ष चुने जाने तक गांधी पद पर बने रहेंगे।
गांधी ने चार पृष्ठों के खुले पत्र के जरिए इस्तीफे की सार्वजनिक घोषणा करने के साथ ही यह भी कहा कि कांग्रेस उनकी रग-रग में है और भारत के संविधान पर हमले के खिलाफ लड़ाई से खुद को अलग नहीं कर रहे हैं तथा अंतिम सांस तक पार्टी एवं देश के लिए काम करते रहेंगे। चुनावी हार के लिए जवाबदेही को अहम करार देते हुए गांधी ने इस बात पर जोर भी दिया कि कांग्रेस में ‘मौलिक रूप से बदलाव’ की जरूरत है।
महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चौहान ने दिया इस्तीफा
इससे पहले कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चौव्हाण ने अपने पद से इस्तीफा दिया। जिसे पार्टी द्वारा स्वीकार कर लिया है। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि चव्हाण के स्थान पर नए अध्यक्ष के नाम की घोषणा एक या दो दिन में की जाएगी।
नई दिल्ली में 29 जून को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव एवं महाराष्ट्र के प्रभारी मल्लिकार्जुन खड़गे की बैठक हुई, जिसमें चव्हाण सहित प्रदेश के पार्टी के नेता मौजूद थे। उन्होंने बताया कि बैठक में लोकसभा चुनाव में पार्टी की अब तक की सबसे खराब हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए चव्हाण ने पद छोड़ने का अपना प्रस्ताव दोहराया था।