नई दिल्ली: दुनिया भर में रूस-यूक्रेन युद्ध का असर दिखने लगा है। सोमवार को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमत 140 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गई, जोकि साल 2008 के बाद से अब रिकॉर्ड हाई है। हालांकि, कच्चे तेल की कीमतों के 13 वर्ष के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के बावजूद मंगलवार को ईंधन की कीमतों में कोई वृद्धि नहीं हुई है। इस बीच केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी का तेल की कीमतों को लेकर बयान सामने आया है।
उनका कहना है कि यह कहना कि चुनाव के कारण हमने कीमतें नहीं बढ़ाई थी। यह कहना ग़लत होगा। तेल की कीमतों को लेकर कंपनियों को तय करना है क्योंकि उन्हें भी बाज़ार में बने रहना है। तेल की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाज़ार के अनुसार तय होती है। उन्होंने आगे कहा कि एक हमारे युवा नेता है, वे कहते हैं कि जल्द ही अपनी टंकी भरवा लीजिए। चुनाव ख़त्म हो गए हैं। सवाल पूछा गया कि टंकियां भरवा लीजिए क्योंकि तेल के दाम बढ़ने वाले हैं। टंकी अभी भरवा लो या बाद में भरवा लो, कभी ना कभी तो चुनाव आएगा।
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के कारण हम भारत में तेल की कमी नहीं होने देंगे। आगे हम जो भी निर्णय लेंगे वह हम अपने नागरिकों के हितों को ध्यान में रखते हुए लेंगे। खारकीव और पीशोचिन से सभी भारतीयों को निकाल दिया गया है। सुमी में कल रात करीब 700 बच्चे थे, लेकिन वे भी बसों के जरिए अब वहां से निकलकर पोलटोवा जा रहे हैं। बचे हुए सभी बच्चों को सुरक्षित देश में वापस लाया जाएगा
तेल की कीमतों में इस साल पहले से ही 60 प्रतिशत से अधिक वृद्धि हो चुकी है और कमजोर रुपया देश के लिए और परेशानी बढ़ रहा है। उद्योग से जुड़े सूत्रों ने कहा कि ईंधन खुदरा विक्रेताओं के घाटे को कम करने के लिए पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 15 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की जरूरत है। ऐसे में ये कयास लगाए जा रहे हैं कि देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर लगातार चार महीने तक पेट्रोल और डीजल की कीमतों में ठहराव बाद इस हफ्ते वाहन ईंधन की कीमतों में वृद्धि हो सकती है।