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ज्ञानवापी परिसर में शनिवार को शुरू होगा सर्वे, मुस्लिम पक्ष ने दी शीर्ष अदालत में चुनौती

By भाषा | Updated: May 13, 2022 18:50 IST

मुस्लिम पक्ष ने स्थानीय अदालत के फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है, मगर उसका कहना है कि यदि न्यायालय इस पर कोई फैसला नहीं देता है तो वह उच्च न्यायालय का दरवाजा भी खटखटा सकता है।

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ठळक मुद्देज्ञानवापी मस्जिद के अंदर वीडियोग्राफी सर्वे का काम शनिवार को शुरू होगामुस्लिम पक्ष ने स्थानीय अदालत के फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी

वाराणसी: काशी के ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी परिसर में ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर वीडियोग्राफी सर्वे का काम शनिवार को शुरू होगा। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने शुक्रवार को बताया कि इस सिलसिले में सभी संबंधित पक्षों के साथ भी बैठक के बाद यह फैसला किया गया।

मुस्लिम पक्ष ने स्थानीय अदालत के फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है, मगर उसका कहना है कि यदि न्यायालय इस पर कोई फैसला नहीं देता है तो वह उच्च न्यायालय का दरवाजा भी खटखटा सकता है। तब तक वह ज्ञानवापी परिसर में वीडियोग्राफी-सर्वे कार्य में सहयोग करेगा। 

जिलाधिकारी ने बताया कि शुक्रवार को सभी संबंधित पक्षों की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई एवं उन सभी से अपील की गई कि वे अदालत द्वारा गठित आयोग के काम में पूरा सहयोग करें और कानून-व्यवस्था बनाए रखें। इस बैठक में मुस्लिम पक्ष के वकील भी मौजूद थे। शर्मा ने बताया कि ज्ञानवापी परिसर में आगे का वीडियो ग्राफी सर्वे कार्य शनिवार को शुरू होगा। 

दीवानी अदालत के न्यायाधीश (सीनियर डिविजन) रवि कुमार दिवाकर ने बृहस्पतिवार को मुस्लिम पक्ष की आपत्ति खारिज करते हुए ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर भी सर्वे कराने और इस कार्य के लिए नियुक्त एडवोकेट कमिश्नर अजय मिश्रा को नहीं हटाने का निर्णय लिया था। 

इस बीच ज्ञानवापी मस्जिद की रखरखावकर्ता संस्था 'अंजुमन इंतजामिया मसाजिद' के संयुक्त सचिव सैयद मोहम्मद यासीन ने 'पीटीआई-भाषा' से बातचीत में कहा, "हमने सिविल जज रवि कुमार दिवाकर की अदालत द्वारा बृहस्पतिवार को पारित आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है। न्यायालय ने कहा है कि वह इस पर कोई आदेश देने से पहले सभी फाइलें देखेगा। अगर वह इस मामले पर कोई आदेश नहीं देता है तो हम उच्च न्यायालय का दरवाजा भी खटखटा सकते हैं।" 

उन्होंने कहा, "तब तक हम जिला अदालत द्वारा दिए गए आदेश के पालन में सहयोग करेंगे।" इससे पहले, मुस्लिम पक्ष के वकील अभय नाथ यादव ने कहा था कि जिला अदालत के फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती देने के बारे में अभी कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है तथा सलाह मशवरे के बाद ही इस पर कोई निर्णय लिया जाएगा। 

उल्लेखनीय है कि वाराणसी की अदालत ने ज्ञानवापी श्रृंगार-गौरी परिसर का वीडियोग्राफी सर्वेक्षण कराने के लिए नियुक्त कोर्ट कमिश्नर को पक्षपात के आरोप में हटाने संबंधी याचिका बृहस्पतिवार को खारिज करते हुए स्पष्ट किया था कि ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर भी वीडियोग्राफी कराई जाएगी। 

दीवानी अदालत के न्यायाधीश (सीनियर डिवीजन) दिवाकर ने कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्रा को हटाने संबंधी याचिका को नामंजूर करते हुए विशाल सिंह को विशेष कोर्ट कमिश्नर और अजय प्रताप सिंह को सहायक कोर्ट कमिश्नर के तौर पर नियुक्त किया।

अदालत ने इसके साथ ही संपूर्ण परिसर की वीडियोग्राफी करके 17 मई तक रिपोर्ट पेश करने के निर्देश भी दिए हैं। इस बीच, टीवी चैनलों पर मुस्लिम समाज के लोग शुक्रवार को ज्ञानवापी मस्जिद में कड़ी सुरक्षा के बीच नमाज़ पढ़ने जाते देखे गये। 

टॅग्स :Kashi Vishwanath Temple-Gyanvapi Masjidsupreme court
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