Gyanvapi Case: मुस्लिम पक्ष की अपील खारिज, वाराणसी कोर्ट का फैसला- ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी केस सुनने लायक
By विनीत कुमार | Updated: September 12, 2022 15:06 IST2022-09-12T14:36:33+5:302022-09-12T15:06:35+5:30
वाराणसी की जिला अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में देवी-देवताओं की पूजा की मांग को लेकर दी गई याचिका को सुनवाई योग्य माना है। इस मामले में अब अगली सुनवाई 22 सितंबर को होगी।

ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी केस सुनवाई के लायक: वाराणसी कोर्ट
वाराणसी: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी मस्जिद मामले में जिला अदालत ने सोमवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा कि ये केस सुनने लायक है। यह केस सुनने योग्य है या नहीं, इसी पर कोर्ट में सुनवाई चल रही थी। जिला जज ए के विश्वेश ने सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील इस मामले में पिछले महीने आदेश 12 सितंबर तक के लिए सुरक्षित रख लिया था।
कोर्ट ने आज अपना आदेश सुनाते हुए श्रृंगार गौरी में पूजा के अधिकार की मांग को लेकर दायर याचिका को सुनवाई के योग्य माना। साथ ही कोर्ट ने कहा कि मामले पर अगली सुनवाई अब 22 सितंबर को की जाएगी।
Uttar Pradesh | The court rejected the Muslim side's petition and said the suit is maintainable. The next hearing of the case is on Sep 22: Advocate Vishnu Shankar Jain, representing the Hindu side in the Gyanvapi mosque case pic.twitter.com/EYqF3nxRlT
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) September 12, 2022
ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हिंदू पक्ष रख रहे वकील विष्णु शंकर जैन ने कोर्ट के फैसले के बाद कहा, 'अदालत ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया और कहा कि मुकदमा विचारणीय है। मामले की अगली सुनवाई 22 सितंबर को होगी।'
वहीं, मामले में एक याचिकाकर्ता सोहन लाल आर्य ने कहा, 'यह हिंदू समुदाय की जीत है। अगली सुनवाई 22 सितंबर को है। यह ज्ञानवापी मंदिर की आधारशिला है। लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करता हूं।
ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी केस: क्या है पूरा मामला
पांच महिलाओं ने कथित तौर पर ज्ञानवापी मस्जिद की बाहरी दीवार पर स्थित हिंदू देवी देवताओं की मूर्तियों की प्रतिदिन पूजा अर्चना करने की मंजूरी संबंधी याचिका पिछले साल निचली अदालत में दाखिल की थी। वहीं, मुस्लिम पक्ष ने इस मामले को उपासना स्थल अधिनियम के खिलाफ बताते हुए कहा था कि यह मामला सुनवाई के योग्य नहीं है। इसके बाद मामला निचली अदालत से जिला कोर्ट पहुंचा था। जज ने इस सिलसिले में दायर याचिका पर पहले सुनवाई करने का निर्णय लिया था।
निचली अदालत से जिला कोर्ट ऐसे पहुंचा था मामला
महिलाओं ने पूजा अर्चना का आदेश देने के आग्रह वाली एक याचिका पिछले साल सिविल जज सीनियर डिविजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत में दाखिल की थी। उस समय आदेश पर पिछली मई में ज्ञानवापी परिसर का वीडियोग्राफी सर्वे कराया गया था।
वहीं, मुस्लिम पक्ष ने इस सर्वे को उपासना अधिनियम 1991 का उल्लंघन करार देते हुए इस पर रोक लगाने के आग्रह वाली एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने तब वीडियोग्राफी सर्वे पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। साथ ही मामले की सुनवाई जिला जज की अदालत में स्थानांतरित करने का आदेश दिया था।
ज्ञानवापी सर्वे की रिपोर्ट पिछली 19 मई को जिला अदालत में पेश भी की गई थी। सर्वे के दौरान हिंदू पक्ष ने ज्ञानवापी मस्जिद के वजू खाने में शिवलिंग मिलने का दावा किया था जबकि मुस्लिम पक्ष ने उसे फव्वारा बताया था।