गुजरात: मोरबी से भाजपा उम्मीदवार अमृतिया कांतिलाल बड़ी जीत की ओर, पुल हादसे के बाद नदी में कूद कर लोगों को बचाने का वीडियो हुआ था वायरल, जानें इनके बारे में
By विनीत कुमार | Updated: December 8, 2022 14:07 IST2022-12-08T13:54:10+5:302022-12-08T14:07:30+5:30
गुजरात के मोरबी में भाजपा उम्मीदवार अमृतिया कांतिलाल बड़ी जीत की ओर बढ़ रहे हैं। पांच बार विधायक रहे अमृतिया कांतिलाल 2017 में मोरबी से चुनाव हार गए थे।

मोरबी से बड़ी जीत की ओर भाजपा उम्मीदवार अमृतिया कांतिलाल (फोटो- फेसबुक)
अहमदाबाद: गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजों का ऐलान आज हो रहा है। वोटों की गिनती जारी है। भाजपा बड़ी जीत के साथ राज्य में एक बार फिर सत्ता पर कब्जा बरकरार रखती नजर आ रही है।
इस बीच सभी की नजरें मोरबी सीट पर भी हैं, जहां चुनाव से कुछ दिनों पहले पिछले महीने एक पुराना पुल गिरने से बड़ा हादसा हुआ था। इस हादसे में 135 लोगों की जान चली गई थी। इस पुल को मरम्मत के बाद 26 अक्टूबर को दोबारा खोला गया था और 30 अक्टूबर को हादसा हुआ था।
बहरहाल, खास बात ये है कि मोरबी से भी भाजपा के अमृतिया कांतिलाल बड़े अंतर से जीत हासिल करते नजर आ रहे हैं। वे 55 हजार से अधिक मतों के अंतर के साथ जीत की ओर बढ़ रहे हैं। जबकि कुछ महीनों पहले तक वे राजनीतिक परिदृश्य से गायब नजर आ रहे थे।
कौन हैं मोरबी से भाजपा उम्मीदवार अमृतिया कांतिलाल
मोरबी में हादसे के बाद पांच बार भाजपा से विधायक रहे अमृतिया कांतिलाल अचानक चर्चा में आ गए थे। उनका एक वीडियो भी खूब वायरल हुआ था जिसमें वे नदी में कूद कर लोगों की जान बचाने की कोशिश करते नजर आए थे। बताया जाता है कि जनता के बीच उनकी लोकप्रियता के साथ-साथ यह बहादुरी का काम भी था जिसने उन्हें भाजपा से मोरबी विधानसभा सीट का टिकट दिलाने में मदद की।
मोरबी से पांच बार विधायक रह चुके अमृतिया अब इस सीट से लगातार सातवीं बार चुनाव लड़ रहे हैं। अमृतिया को कानाभाई के नाम से भी इलाके में जाना जाता है। उन्होंने यहां से 1995, 1998, 2002, 2007 और 2012 में मोरबी सीट से जीत हासिल की। हालांकि मोरबी में उन्हें 2017 में हार मिली थी।
2017 के गुजरात विधानसभा चुनाव में अमृतिया को कांग्रेस उम्मीदवार बृजेश मेरजा से हार मिली थी। 2017 में अपनी हार के कारणों के बारे में द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए उन्होंने कहा था, 'पाटीदार कोटा आंदोलन और ठाकोर समुदाय के बाद के आंदोलन और जिग्नेश (मेवाणी) द्वारा शुरू किए गए आंदोलन इसकी वजह रही। यहां अल्पसंख्यक समुदाय के मतदाता हैं और फिर भी मैं केवल 3400 मतों के अंतर से हारा।'
मेरजा बाद में भाजपा में शामिल हो गए थे और मोरबी उपचुनाव में जीत हासिल की थी। वे वर्तमान में गुजरात सरकार में मंत्री हैं।