टेरर फंडिंग: कश्मीरी अलगाववादियों की होगी आफत, सख्त ऐक्शन की तैयारी में जुटी सरकार
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: June 26, 2018 11:04 AM2018-06-26T11:04:36+5:302018-06-26T11:04:36+5:30
जम्मू-कश्मीर में हाल ही में बीजेपी और पीडीपी का गठबंधन टूट गया जिसके बाद से यहां राज्यपाल शासन लागू हो गया है। इसके बाद से अब सरकारअलगाववादियों पर शिकंजा कसने जा रही है।
जम्मू कश्मीर, 26 जून : जम्मू-कश्मीर में हाल ही में बीजेपी और पीडीपी का गठबंधन टूट गया जिसके बाद से यहां राज्यपाल शासन लागू हो गया है। इसके बाद से अब सरकारअलगाववादियों पर शिकंजा कसने जा रही है। खबरों की मानें तो अब सरकार यहां के उन अलगाववादी नेताओं पर सख्त कार्रवाई कर सकती है जो टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग में कथित तौर पर शामिल रहे हैं।
कहा जा रहा है कि एनआईए और ईडी मिलकर इन पपर कार्यवाही करेंगे। वही, इस मुद्दे पर चर्चा केंद्रीय गृह सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में हुई एक उच्च-स्तरीय बैठक में हुई है। इसमें कई गिग्गज शामिल हुए हैं। यह बैठक काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि केंद्र सरकार द्वारा जम्मू और कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू किए जाने के कुछ दिन बाद ही हुई है।
वहीं, जबकि ये सरकार गिरी है यहां आतंकियों के खिलाफ कार्यवाही तेज हो गई है। कश्मीर में टेरर फंडिंग के एक मामले में एनआई ने पहले ही दिल्ली कोर्ट में टेरर मास्टरमाइंड्स हाफिज सईद और सैयद सलाहुद्दीन समेत 10 कश्मीरी अलगाववादियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है।
हुर्रियत लीडर सैयद शाह गिलानी के दामाद अल्ताफ अहमद शाह, गिलानी के निजी सहायक बशीर अहमद, आफताब अहमद शाह, नईम अहमद खान और फारूक अहमद डार आदि के नाम इस रिपोर्ट में शामिल हैं। ऐसे में अब अगर ईडी और एनआईए मिलकर कार्यवाही करते हैं तो अलगाववादी नेताओं की खासा मुश्किलें बढ़ सकती हैं। अलगाववादी नेता शब्बीर शाह और कथित रूप से हवाला डीलर मुहम्मद असलम वानी को भी टेरर फंडी मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है।