राज्यपाल ने सरकारी योजनाओं के बारे में जानने की ‘इच्छा’ जताई, द्रमुक ने कहा कि इसमें कुछ भी गलत नहीं

By भाषा | Updated: October 26, 2021 19:33 IST2021-10-26T19:33:14+5:302021-10-26T19:33:14+5:30

Governor expresses 'desire' to know about government schemes, DMK says nothing wrong in it | राज्यपाल ने सरकारी योजनाओं के बारे में जानने की ‘इच्छा’ जताई, द्रमुक ने कहा कि इसमें कुछ भी गलत नहीं

राज्यपाल ने सरकारी योजनाओं के बारे में जानने की ‘इच्छा’ जताई, द्रमुक ने कहा कि इसमें कुछ भी गलत नहीं

चेन्नई, 26 अक्टूबर तमिलनाडु के राज्यपाल आर. एन. रवि ने विभागों के कामकाज और केंद्र तथा राज्य सरकार की कल्याण योजनाओं के बारे में जानने की इच्छा जताई है। उनकी इस पहल ने द्रमुक के उस विरोध की तरफ ध्यान आकर्षित किया है जब उसने विपक्ष में रहते हुए पूर्व राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित की समीक्षा बैठकों एवं दौरों का विरोध किया था। लेकिन इस बार द्रमुक सरकार ने कहा है कि यह सामान्य प्रथा है जिसका राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए।

द्रमुक ने कहा कि कल्याणकारी योजनाओं के बारे में जानकारी हासिल करने में कुछ भी गलत नहीं है, जबकि इसके बड़े सहयोगी कांग्रेस ने इस पहल को गलत करार दिया है।

विभिन्न विभागों के प्रमुखों को लिखे पत्र में मुख्य सचिव वी. इरई अनबु ने कहा कि राज्यपाल ‘‘राज्य में कुछ विभागों के कामकाज और राज्य तथा केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के बारे में जानना चाहते हैं।’’

उन्होंने कहा कि यह ‘‘सामान्य प्रशासनिक प्रक्रिया’’ है और यह ‘‘उचित नहीं है कि इसे राजनीतिक विवाद का विषय बनाया जाए।’’

मुख्य सचिव ने विभाग के प्रमुखों से आग्रह किया कि राज्यपाल को ‘‘अपने विभाग की कल्याणकारी योजनाओं के बारे में बताने के लिए तैयार रहें, जो राज्य और केंद्र सरकारों की तरफ से चलाई जा रही हैं।’’

इस उद्देश्य के लिए पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन भी तैयार किया जा सकता है और प्रेजेंटेशन से पहले इस पर चर्चा की जानी है। 18 अक्टूबर को जारी पत्र में कहा गया, ‘‘तारीख और समय के बारे में जल्द जानकारी दी जाएगी।’’

सरकारी सूत्रों ने कहा कि विभागों के प्रमुखों को पत्र भेज दिया गया है जबकि राजभवन के सूत्रों ने यह कहते हुए टिप्पणी करने से इंकार कर दिया कि यह ‘गोपनीय’ है।

विभागों के प्रमुखों को मुख्य सचिव की तरफ से लिखा गया पत्र इसलिए मायने रखता है कि द्रमुक जब विपक्ष में था (2016-2021) तो उसने पूर्व राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित के राज्य की योजनाओं की समीक्षा और जिलों के दौरे का कड़ा विरोध किया था।

द्रमुक ने पुरोहित के खिलाफ धरना दिया था, काले झंडे दिखाए थे और उनके कार्य को राज्य की संप्रभुता पर हमला करार दिया था।

अब सत्तारूढ़ द्रमुक ने कहा है कि राज्यपाल रवि द्वारा कल्याणकारी योजनाओं के बारे में जानकारी मांगने में कुछ भी गलत नहीं है।

द्रमुक के एक प्रवक्ता ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘वास्तव में यह राज्यपाल का कर्तव्य है कि वह कल्याणकारी योजनाओं के बारे में जानें।’’

तमिलनाडु कांग्रेस समिति के अध्यक्ष के. एस. अलागिरी ने कहा कि राज्यपाल निर्वाचित सरकार के कामकाज में हस्तक्षेप कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ‘समीक्षा करने’ की प्रथा नहीं है और इसलिए यह ‘गलत’ है।

उन्होंने कहा कि केवल कानून-व्यवस्था या आपदा जैसी विशिष्ट परिस्थितियों में राज्यपाल अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श करते हैं।

रवि ने 18 सितंबर 2021 को तमिलनाडु के राज्यपाल पद की शपथ ली थी। इससे पहले वह नगालैंड के राज्यपाल थे।

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