CAA के खिलाफ केरल सरकार के विज्ञापन पर राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने जताया एतराज, बताया गैर-जरूरी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 11, 2020 05:18 PM2020-01-11T17:18:09+5:302020-01-11T17:23:49+5:30
केरल की माकपा नीत वाम मोर्चे की सरकार की ओर से संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ राष्ट्रीय अखबारों के प्रथम पृष्ठ पर सरकारी पैसे से दिए गए विज्ञापन के विरोध में राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान खुलकर सामने आ गए हैं।
उन्होंने इसे ‘‘ पूरी तरह से गैरजरूरी’’ करार दिया है। उल्लेखनीय है कि राज्य प्रायोजित विज्ञापन शुक्रवार को प्रकाशित किया गया था जिसमें दावा किया गया था कि ‘‘राज्य संवैधानिक मूल्यों की रक्षा करने की कोशिशों का नेतृत्व कर रहा है और केरल विधानसभा सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने वाली पहली विधानसभा है। खान ने दिल्ली में टेलीविजन चैनलों से कहा कि सार्वजनिक धन का प्रयोग राजनीतिक अभियान पर खर्च करना ‘‘पूरी तरह गैरजरूरी’’ है।
खान ने कहा, ‘‘...सार्वजनिक धन का इस्तेमाल संसद की ओर से पारित कानून के खिलाफ किया गया। यह मेरे लिए थोड़ा अजीब है।’’ राज्यपाल ने कहा कि अगर कोई राजनीतिक पार्टी इस तरह का विज्ञापन देती, तो यह तब समस्या नहीं होती। केरल सरकार ने तीन राष्ट्रीय अखबारों में विज्ञापन प्रकाशित कर कहा था कि राज्य ने ‘‘लोगों की चिंताओं के मद्देनजर साहसिक कदम उठाए गए हैं” और राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी के अभियान को रोक दिया है, जिससे राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) बनेगा।
विज्ञापन में दावा किया गया कि राज्य मानव विकास सूचकांक में सबसे आगे है और गरीबी उन्मूलन, स्वास्थ्य मानकों, शिक्षा, लैंगिक समानता और नवोन्मेषी विचारों के मामलों में अन्य राज्यों के मुकाबले शीर्ष रैंकिग पर है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले पिनरई विजयन सरकार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भाजपा के माकपा पर राजनीतिक हत्याओं के आरोप के जवाब में सात अगस्त 2017 को दिल्ली के अखबारों में विज्ञापन देकर दावा किया था कि राज्य में सबसे कम अपराध दर है।