भोपाल, 11 फरवरी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि केन्द्र सरकार किसान नेताओं के साथ नए कृषि कानूनों पर खुले दिमाग से चर्चा करने और यहां तक की जरूरत पड़ने पर उसमें संशोधन करने के लिये भी तैयार है।
सिंह ने बृहस्पतिवार को मध्यप्रदेश में 57 हजार से अधिक जल संरचनाओं के ऑनलाइन उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले साल लाए गये नए कृषि कानूनों का उद्देश्य किसानों की आय को दो गुना करना है।
रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘कृषि कानूनों पर हम खुलकर बात करने और जरूरत पड़ी तो उसमें संशोधनों के लिये भी तैयार हैं। हमारी सरकार के निर्णयों के चलते आम किसान में एक नया आत्मविश्वास पैदा हो रहा है। कोरोना संकट के दौरान इस आत्मविश्वास के चलते ही देश के किसानों ने रिकार्ड उत्पादन किया है।’’
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2017 में ही वर्ष 2022 तक किसान की आय को दोगुनी करने का संकल्प लिया था। इस दृष्टि से पिछले साल संसद में तीन कृषि कानून पारित किये गये। इन क़ानूनों का निर्माण देश के आम किसानों को अपनी फसल का वाजिब मूल्य दिलाने और अपनी फसल को कहीं भी बेचने की आजादी देने के लिये किया गया।
रक्षा मंत्री ने आरोप लगाया कि इन कृषि क़ानूनों को लेकर देश में निहित स्वार्थो के चलते भ्रम का वातावरण पैदा किया गया और कहा गया कि मंडी खत्म हो जायेगी, एमएसपी समाप्त हो जायेगी, किसानों की जमीन गिरवी रख दी जायेगी।
सिह ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले दिनों देश की संसद में साफ-साफ कहा है, कृषि मंत्री तोमर ने भी कहा कि एमएसपी थी, है और रहेगी। मंडी व्यवस्था भी रहेगी तथा नये कानून के तहत सौदा उपज का होगा, जमीन का नहीं।’’
उन्होंने कहा कि इसके बावजूद किसानों की एक समूह को गुमराह किया गया है।
सिंह ने कहा कि केन्द्र सरकार ने एमएसपी को बढ़ाकर उपज की लागत का डेढ़ गुना किया है।
सिंह ने कहा महात्मा गांधी मानते थे कि भारत की आत्मा गांवों में बसती है इसलिये देश के ग्रामीण क्षेत्रों का विकास सरकार की प्राथमिकता है।
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