मोदी सरकार ने राज्यसभा में कहा- देश में एक ही राशन कार्ड जारी करने की योजना छह राज्यों में प्रायोगिक तौर पर हुई शुरू
By भाषा | Published: December 6, 2019 04:27 PM2019-12-06T16:27:19+5:302019-12-06T16:27:19+5:30
उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्यमंत्री दानवे रावसाहेब दादाराव ने बताया कि इनमें महाराष्ट्र, गुजरात, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना सहित छह राज्यों में प्रयोग के तौर पर छह कलस्टर बनाकर इस योजना को लागू किया गया है। उन्होंने बताया कि जल्द ही छह अन्य राज्यों को इसमें शामिल किया जायेगा।
जरूरतमंद लोगों के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से पूरे देश में एक ही राशन कार्ड जारी करने की योजना छह राज्यों में प्रायोगिक परियोजना के तौर पर शुरू हो गयी है। उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्यमंत्री दानवे रावसाहेब दादाराव ने शुक्रवार को राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक प्रश्न के जवाब में बताया कि पूरे देश के लिये एक ही राशनकार्ड की योजना का पायलट प्रोजेक्ट शुरू हो गया है।
दादाराव ने बताया कि इनमें महाराष्ट्र, गुजरात, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना सहित छह राज्यों में प्रयोग के तौर पर छह कलस्टर बनाकर इस योजना को लागू किया गया है। उन्होंने बताया कि जल्द ही छह अन्य राज्यों को इसमें शामिल किया जायेगा।
फर्जी राशन कार्ड की समस्या से निपटने के बारे में पूछे गये एक पूरक प्रश्न के उत्तर में दादाराव ने कहा कि जाली राशनकार्ड को पकड़ने के लिए राशन की दुकानों में वास्तविक राशनकार्ड धारक की पहचान सुनिश्चित करने वाली मशीन लगा दी गयी है।
उन्होंने बताया कि मशीन द्वारा पकड़े गये फर्जी राशनकार्डों को सरकार ने रद्द कर दिया है। सरकार द्वारा 2013 में लागू किये गये खाद्य सुरक्षा कानून के तहत 75 प्रतिशत ग्रामीण और 50 प्रतिशत शहरी जरूरतमंद लोगों को शामिल किया जाना था। इसके लिये कुल 81.35 करोड़ लोगों को लक्षित किया गया था और इनमें से 79 करोड़ लोगों को खाद्यान्न दिया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि राशन के दुरुपयोग को रोकने के लिये 85.81 करोड़ राशन कार्ड को आधार से जोड़ दिया गया है।