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सरकार ने एयर इंडिया के लिये बोली जमा करने की समयसीमा दो महीने बढ़ायी

By भाषा | Updated: August 26, 2020 01:47 IST

निवेश और लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) ने एयर इंडिया की बिक्री के लिये रूचि पत्र (ईओआई) में शुद्धि पत्र जारी करते हुए कहा कि इच्छुक बोलीदाताओं से कोविड-19 के कारण उत्पन्न स्थिति के मद्देनजर मिले अनुरोध को देखते हुए समयसीमा बढ़ायी गयी है। जनवरी में जारी रूचि पत्र के तहत बोली जमा करने की अंतिम तिथि 17 मार्च थी। बाद में इसे बढ़ाकर 30 अप्रैल किया गया।

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ठळक मुद्देसरकार ने एयर इंडिया के लिये बोली जमा करने की समयसीमा दो महीने बढ़ाकर 30 अक्टूबर तक कर दी है। कोविड-19 संकट के कारण दुनिया भर में आर्थिक गतिविधियों पर पड़े असर को देखते हुए समयसीमा बढ़ायी गयी है।

नयी दिल्ली: सरकार ने एयर इंडिया के लिये बोली जमा करने की समयसीमा दो महीने बढ़ाकर 30 अक्टूबर तक कर दी है। कोविड-19 संकट के कारण दुनिया भर में आर्थिक गतिविधियों पर पड़े असर को देखते हुए समयसीमा बढ़ायी गयी है। सरकारी एयरलाइन में हिस्सेदारी बेचने की प्रक्रिया 27 जनवरी को शुरू हुई थी। यह चौथी बार है जब सरकार ने बोली जमा करने की तिथि बढ़ायी है।

निवेश और लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) ने एयर इंडिया की बिक्री के लिये रूचि पत्र (ईओआई) में शुद्धि पत्र जारी करते हुए कहा कि इच्छुक बोलीदाताओं से कोविड-19 के कारण उत्पन्न स्थिति के मद्देनजर मिले अनुरोध को देखते हुए समयसीमा बढ़ायी गयी है। जनवरी में जारी रूचि पत्र के तहत बोली जमा करने की अंतिम तिथि 17 मार्च थी। बाद में इसे बढ़ाकर 30 अप्रैल किया गया।

उसके बाद इसे 30 जून और फिर 31 अगस्त तक बढ़ाया गया था। दीपम ने वेबसाइट पर पोस्ट किये गये शुद्धि पत्र में कहा है कि पात्र इच्छुक बोलीदाताओं (क्यूआईबी) के लिये सूचना देने की तारीख भी दो महीने यानी 20 नवंबर तक के लिये बढ़ा दी गयी है। इसमें कहा गया है, ‘‘अगर महत्वपूर्ण तिथि में आगे कोई बदलाव होता है, उसके बारे में इच्छुक बोलीदाताओं को जानकारी दी जाएगी।’’

कोविड-19 महामारी और उसकी रोकथाम के लिये ‘लॉकडाउन’ से आर्थिक गतिविधियां बुरी तरीके से प्रभावित हुई हैं। इस संकट से सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्रों में विमानन क्षेत्र भी शामिल है। सरकार पहले ही भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (बीपीसीएल) में अपनी पूरी 52.98 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिये निवेशकों को बोली लगाने को लेकर दी गयी समयसीमा 30 सितंबर तक बढ़ा चुकी है।

सरकार का 2018 में एयर इंडिया को बेचने का प्रयास असफल रहा। उसके बाद जनवरी 2020 में फिर से विनिवेश प्रक्रिया शुरू की गयी। सरकार ने सरकारी एयरलाइन में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने के लिये बोली आमंत्रित की है। चालू वित्त वर्ष में सरकार ने विनिवेश से 2.10 लाख करोड़ रुपये प्राप्त करने का लक्ष्य रखा है।

इसमें 1.20 लाख करोड़ रुपये केंद्रीय लोक उपक्रमों में सरकारी हिस्सेदारी बेचकर और 90,000 करोड़ रुपये सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्त संस्थानों में हिस्सेदारी बेचकर जुटाने का लक्ष्य है। हालांकि 2020-21 में अबतक कोई विनिवेश नहीं हो पाया है। सरकार ने एलआईसी (भारतीय जीवनबीमा निगम) के आरंभिक सार्वजनिक के लिये सौदा सलाहकार के चयन को लेकर प्रक्रिया शुरू की है। 

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