Google Doodle: 'नवरोज' पर गूगल ने बेहद खास डूडल के जरिए दी बधाई, जानिए पारसी नववर्ष के त्योहार के बारे में
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 20, 2022 07:25 AM2022-03-20T07:25:04+5:302022-03-20T08:27:05+5:30
Navroz: गूगल ने पारसी समुदाय के नववर्ष के त्योहार 'नवरोज' के मौके पर बेहद खास डूडल बनाया है। नवरोज मनाने का इतिहास 3,000 साल से अधिक पुराना है।
Navroz 2022: पारसी समुदाय के नववर्ष 'नवरोज' के मौके पर सर्च इंजन गूगल ने अपने होमपेज को बेहद खास डूडल (Google Doodle) के जरिए सजाया है। पारसी समुदाय के मान्यताओं के अनुसार 'नवरोज' (Navroz) बसंत ऋतु का पहला दिन होता है। ऐसे में गूगल आज दुनिया भर के लोगों खूबसूरत डूडल के साथ नवरोज की शुभकामनाएं दे रहा है। नवरोज पर साझा किए गए इस डूडल में रंग-बिरंगे फूल, मधुमक्खियां और गिटार आदि की तस्वीर नजर आती है जो वसंत की शुरुआत की याद दिलाता है।
दुनिया भर में पारसी समुदाय के लोग अपने इस खास त्योहार को मनाते हैं। नवरोज एक फारसी शब्द है जो - नव और रोज से मिलकर बना है। नव का अर्थ है 'नया' और रोज का मतलब है 'दिन', इसलिए नवरोज का मतलब है 'नया दिन'। नवरोज मनाने का इतिहास 3,000 साल से अधिक पुराना है। पारसी समुदाय इस त्योहार को पतेती या जमशेदी नवरोज के नाम से भी पुकारता है।
Navroz: इस अंदाज में मनाया जाता है नवरोज
नवरोज के दिन पारसी परिवारों में बच्चे-बड़े सभी सुबह जल्दी तैयार होकर त्योहार की तैयारियों में जुट जाते हैं। इस दिन घरों को साफ कर उसे सजाया जाता है। पारसी मंदिर में विशेष प्रार्थनाएं होती है, जिसमें समुदाय के लोग हिस्सा लेते हैं। इसके बाद एक-दूसरे को नववर्ष की बधाई दी जाती है। नवरोज के मौके पर घरों में मेहमानों के आने-जाने और बधाईयों का सिलसिला भी चलता रहता है।
नवरोज पर नए कपड़े खरीदने और फूलों से घर को सजाने की भी परंपरा है। कई घरों में चंदन की लकड़ियों से भी घर को महकाया जाता है।
कहा जाता है कि शाह जमशेदजी ने पासकी धर्म में नवरोज मनाने की शुरुआत की। सर्दियों के बाद बसंत के आने से धरती एक बार फिर लहलहा उठती है और इंसानों सहित प्रकृति का बनाया हर जीव उमंग और उत्साह में नजर आने लगता है। इसे ही देखते हुए नवरोज मनाने की शुरुआत हुई।