उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में स्थित दारुल उलूम हुसैनिया मदरसे में "संस्कृत" के कारण चर्चा में है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की कर्मभूमि गोरखपुर में स्थित इस मदरसे के प्रिंसिपल ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, "ये यूपी एजुकेशन बोर्ड के तहत चलने वाला आधुनिक मदरसा है जिसमें अंग्रेजी, हिन्दी, विज्ञान, गणित और संस्कृति की पढ़ाई होती है। बच्चों को अरबी भी पढ़ाई जाती है।" दारुल उलूम हुसैनिया मदरसे की एक छात्र ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, "हमें संस्कृत सीखना अच्छा लगता है। हमारे टीचर बहुत अच्छे से पढ़ाते और समझाते हैं। हमारे माता-पिता भी पढ़ाई में हमारी मदद करते हैं।"
उत्तर प्रदेश के सभी मदरसे यूपी बोर्ड ऑफ मदरसा एजुकेशन (यूपीबीएमई) के तहत आते हैं। पिछले महीने यूपी मदरसे बोर्ड की परीक्षाओं की तारीखों की घोषणा की जिसे लेकर विवाद हो गया। यूपी में 140 मिनी आईटीआई मदरसे भी चलते हैं जिनमें छात्रों को टेक्निकल प्रशिक्षण दिया जाता है। इन मदरसों में करीब ढाई हजार छात्र हैं। शिक्षकों और छात्रों का आरोप है कि मदरसा बोर्ड और मिनी आईटीआई की परीक्षा तारीखें टकरा रही हैं। रिपोर्ट के अनुसार मदरसों की आलिम, फाजिल और कामिल की परीक्षा की तारीखें मिनी आईटीआई की परीक्षा की तारीखों से क्लैश कर रही हैं। मदरसा बोर्ड ने इन शिकायतों पर का संज्ञान लेते हुए मामले पर विचार करने का आश्वासन दिया है।