जज ने 453 पन्नों के फैसले में बताया क्यों आसाराम को आखिरी दम तक रहना होगा जेल में?
By आदित्य द्विवेदी | Published: April 26, 2018 09:27 AM2018-04-26T09:27:45+5:302018-04-26T09:27:45+5:30
जोधपुर की एससी-एसटी अदालत के जज मधुसूदन शर्मा ने अपने 453 पेज के फैसले में आसाराम को उम्रकैद और उनके दो सहयोगियों शिल्पी और शरद को 20-20 साल जेल की सजा सुनायी।
जोधपुर, 26 अप्रैलः जोधपुर की विशेष पोक्सो कोर्ट ने बुधवार को स्वयंभू आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। उन्हें 16 वर्षीय नाबालिग लड़की से बलात्कार का दोषी पाया गया। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि आसाराम खुद को संत कहते हुए भी ऐसा घृणित अपराध किया है। आसाराम ने अपने भक्तों की आस्था के साथ खिलवाड़ किया है। कोर्ट ने सजा का ऐलान करते हुए कहा कि आसाराम को आखिरी सांस तक सलाखों के पीछे रहना पड़ेगा। अगस्त 2013 में उत्तर प्रदेश के शाहजहाँपुर की रहने वाली 16 वर्षीय लड़की ने आसाराम के खिलाफ यौन शोषण का मामला दर्ज कराया था।
453 पेज के फैसले में पोक्सो कोर्ट के विशेष जज मधुसूदन शर्मा ने लिखा कि आसाराम के जघन्य अपराध से ना सिर्फ लोगों का भरोसा टूटा है बल्कि आम लोगों में धर्मगुरुओं की छवि को भी नुकसान पहुंचा है। आसाराम को पांच साल पहले एक नाबालिग से बलात्कार का दोषी पाया गया है इसलिए उन्हें आखिरी सांस तक जेल में बिताना होगा।
यह भी पढ़ेंः नाबालिग रेप केस: सजा सुनाने तक जज ने नहीं किया लंच, आसाराम टेंशन में पी गए कई गिलास पानी
जज मधुसूदन शर्मा ने अपने आदेश में कहा, 'आसाराम को संत कहा जाता है। उनके भारत और विदेश में लाखों भक्त हैं। देशभर में उनके 400 से ज्यादा आश्रम हैं। उनके जघन्य अपराध ने ना सिर्फ अपने भक्तों की आस्था से खिलवाड़ किया बल्कि आम लोगों में संतों की छवि को भी खराब किया है।' जज ने पीड़िता के पिता का हवाला देते हुए कहा कि उनके पिता आसाराम के भक्त थे और उत्तर प्रदेश शाहजहांपुर में आश्रम बनाने में काफी मदद की थी।
जज शर्मा ने अपने आदेश में लिखा कि पीड़िता के पिता का आसाराम पर इतना भरोसा था कि उन्होंने अपने बेटे और बेटी दोनों को छिंदवाड़ा के आश्रम में पढ़ने के लिए भेज दिया। आसाराम ने पीड़िता को बुरे प्रभावों से बचाने के लिए अपने आश्रम में बुलाया और इस जघन्य कृत्य को अंजाम दिया।
यह भी पढ़ेंः आसाराम से लेकर राम रहीम तक, जानिए विवादित बाबाओं की पूरी कहानी
नाबालिग लड़की से बलात्कार के मामले में जोधपुर कोर्ट ने आसाराम को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही इस मामले में आरोपी रहे शिल्पी और शरद को 20-20 साल की जेल की सजा सुनाई है। वहीं सजा सुनाने वाले जोधपुर कोर्ट के जज मधुसुदन शर्मा ने इस मामले की गंभीरता और संवेदनशीलता को देखते हुए अपना लंच तक नहीं किया और करीब ढाई बजे सजा की घोषणा की।
आसाराम की सजा के ऐलान के बाद उनकी प्रवक्ता नीलम दुबे ने कहा कि, 'मीडिया ट्रायल के बाद उन्होंने (आसाराम ने) इतने झटके खा लिए हैं कि अब झटके भी उनसे झटकने लगे हैं।' उन्होंने कहा, हमारी लीगल टीम ने अब तक फैसले का अध्ययन नहीं किया है। टीम के अध्ययन करने के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि वह इस फैसले को राजस्थान हाईकोर्ट में चुनौती देंगे।