नाबालिग रेप केस: सजा सुनाने तक जज ने नहीं किया लंच, आसाराम टेंशन में पी गए कई गिलास पानी
By कोमल बड़ोदेकर | Published: April 25, 2018 03:31 PM2018-04-25T15:31:13+5:302018-04-25T15:36:22+5:30
सजा सुनाने वाले जोधपुर कोर्ट के जज मधुसुदन शर्मा ने मामले की गंभीरता और संवेदनशीलता को देखते हुए अपना लंच तक नहीं किया और करीब ढाई बजे सजा की घोषणा की।
जोधपुर, 25 अप्रैल। नाबालिग लड़की से बलात्कार के मामले में जोधपुर कोर्ट ने आसाराम को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही इस मामले में आरोपी रहे शिल्पी और शरद को 20-20 साल की जेल की सजा सुनाई है। वहीं सजा सुनाने वाले जोधपुर कोर्ट के जज मधुसुदन शर्मा ने इस मामले की गंभीरता और संवेदनशीलता को देखते हुए अपना लंच तक नहीं किया और करीब ढाई बजे सजा की घोषणा की।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोषी करार दिए जाने के बाद जब फैसला और सजा टाइप की जा रही थी तो जज मधुसुदन शर्मा ने एक बार उस फैसले की प्रूफ रीडिंग की ताकि फैसले में कहीं कोई गलती नहीं रह जाए। खबर यह भी है कि आसाराम ने भी दोपहर का खाना नहीं खाया और टैंशन में वो राम-राम का नाम जपते रहा इस दौरान आसाराम ने करीब 6 गिलास पानी पिया, लेकिन खास बात यह है कि जज ने सजा सुनाने तक न तो खाना खाया न पानी पिया।
उम्रकैद की सजा सुनते ही आसाराम कठघरे में फूट-फूटकर रोने लगा। बता दें कि पुलिस ने कानून-व्यवस्था का हवाला देकर कोर्ट से आज ही सजा का ऐलान करने की अपील की थी। जिसके बाद जज ने फौरन फैसला सुनाते हुए जज की भी घोषणा की।
पेशी के दौरान आसाराम के बचाव में करीब 14 वकीलों की टीम मौजूद थी। जबकि अभियोजन पक्ष की ओर से महज 2 वकील ही जिरह कर रहे थे। सजा सुनाए जाने के बाद आसाराम को जोधपुर सेंट्रल जेल की बैरक-2 में ले जाया गया है। आसाराम को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 और यौन अपराध बाल संरक्षण अधिनियम (पोस्को) के तहत दोषी ठहराया गया है।
आसाराम पर उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की एक नाबालिग से बलात्कार करने का आरोप था। यह लड़की मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में आसाराम के आश्रम में पढ़ाई कर रही थी। पीड़िता का आरोप था कि आसाराम ने जोधपुर के निकट मनई आश्रम में उसे बुलाया था और 15 अगस्त 2013 को उसके साथ दुष्कर्म किया था।
आसाराम की सजा के ऐलान के बाद उनकी प्रवक्ता नीलम दुबे ने कहा कि, 'मीडिया ट्रायल के बाद उन्होंने (आसाराम ने) इतने झटके खा लिए हैं कि अब झटके भी उनसे झटकने लगे हैं।' उन्होंने कहा, हमारी लीगल टीम ने अब तक फैसले का अध्ययन नहीं किया है। टीम के अध्ययन करने के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि वह इस फैसले को राजस्थान हाईकोर्ट में चुनौती देंगे।