गुलाम नबी आजाद का कांग्रेस पर एक और बड़ा हमला, बोले- 'कमजोर कांग्रेस का विपक्षी नेता क्यों देंगे साथ, सबका अपना ईगो है'
By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: August 31, 2022 21:16 IST2022-08-31T21:13:01+5:302022-08-31T21:16:41+5:30
गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि तेलंगाना और बंगाल में कमजोर विपक्षी दल की हैसियत रखने वाले कांग्रेस के नेतृत्व में केसीआर और ममता बनर्जी क्यों लड़ेंगे लोकसभा का चुनाव।

फाइल फोटो
दिल्ली: कांग्रेस से पांच दशकों का नाता तोड़ने के बाद शीर्ष नेतृत्व या कहें कि गांधी परिवार के खिलाफ जमकर तल्ख बातें करने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद ने विपक्षी एकता के बीच कांग्रेस के खड़े होने पर गंभीर प्रश्न खड़ा किया है। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री रहे गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस पर सीधा वार करते हुए कहा कि अखिरकार कमजोर कांग्रेस की अगुवाई में भला कौन सा ऐसा विपक्षी नेता है, जो खड़ा होना चाहता है।
अपनी बात को वजन देने के लिए उन्होंने कहा कि विपक्ष के दो ध्रुवों की तरह तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खड़े होने का प्रयास कर रहे हैं। अब ऐसे में सवाल उठता है कि तेलंगाना और बंगाल में कमजोर विपक्षी दल की हैसियत रखने वाले कांग्रेस के नेतृत्व में लोकसभा का चुनाव क्यों लड़ेंगे।
कांग्रेस को अलविदा कहने के बाद गुलाम नबी आजाद पार्टी ने खुलकर कहा कि आज की तारीख में कांग्रेस इतनी कमजोर है कि वो साल 2024 में विपक्षी की अगुवाई कर ही नहीं सकती है। आजाद ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि सच्चाई तो यह है कि मौजूदा हालात में कांग्रेस अपनी अगुवाई करने ही अक्षम है तो भला उस सूरत में वो विपक्ष को क्या सहारा देगी।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी एकता संभव ही नहीं है क्योंकि सभी रीजनल पार्टियों के लिए कांग्रेस एक कमजोर पार्टी है और ऐसे नजरिये का साथ कोई भी क्षेत्रीय दल कांग्रेस की सरपरस्ती को कबूल करने वाला नहीं है। ऐसे कांग्रेस में ऐसा क्या है कि दूसरे दल उनकी बात सुनेंगे।
बीते शुक्रवार को कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले आजाद ने कांग्रेस की कमजोरियों को उजागर करते हुए कांग्रेस के झंडे के नीचे सेक्यूलर पार्टियां नहीं इकट्ठी होंगी। बातचीत में जब आजाद से पूछा गया की क्या वो 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद भारतीय जनता पार्टी सत्ता में वापसी कर सकती है। इसके जवाब में आजाद ने कहा, "इस वि।य पर अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है, लेकिन आज की तारीख में विपक्ष एकजुट नहीं है, अगर चुनाव तक विपक्ष के हालात ऐसे ही बने रहे तो इससे भाजपा को जरूर मदद मिलेगी।"
इसके साथ ही आजाद ने कहा, "मैंने कांग्रेस छोड़ दी है, लेकिन उसके बाद भी मेरी ख्वाहिश है कि कांग्रेस में सुधार हो। मैं हर वक्त चाहूंगा कि सेक्युलर ताकतों के सियासी आंकड़े और भी बेहतर हों।"
आजाद ने कहा "लेकिन कांग्रेस की बुनियाद पर विपक्ष की मजबूत इमारत बन सकेगी, इसमें मुझे संदेह है। तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर और बंगाल की सीएम ममता बनर्जी एकसाथ कांग्रेस के साथ आएंगे। फिलहाल मुझे नहीं दिखाई दे रहा है ऐसा मौका क्योंकि हर राजनीतिक दल के नेताओं का अपना भी ईगो होता है। वो अपने राज्यों में मजबूत हैं तो कांग्रेस की बात किस कारण से सुनेंगे। कोई क्षेत्रीय दल अपनी जमीन पर कांग्रेस को सियासी फसल नहीं लगाने देगा और शायद कांग्रेस भी इस बात को समझती है। कांग्रेस पर लोगों को भरोसा नहीं है।"