नई दिल्ली: कांग्रेस के कद्दावर और पांच दशक से साथ जुड़े रहे नेता गुलाम नबी आजाद ने आखिरकार शुक्रवार को पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया। उन्होंने पार्टी में सभी पदों सहित कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया।
पांच पन्नों का इस्तीफा उन्होंने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजा और कहा कि वे भारी मन से ऐसा फैसला लेने के लिए मजबूर हैं। उन्होंने अपने इस्तीफे में हाल में पार्टी के अंदरुनी हालात और बिगड़ती व्यवस्था पर तल्ख टिप्पणी भी की। साथ ही उन्होंने राहुल गांधी पर भी निशाना साधा। आजाद ने सोनिया गांधी को भेजे अपने इस्तीफा में क्या-क्या लिखा, पढ़ें उनकी ओर से लगाए 10 बड़े आरोप-
1. आजाद ने लिखा- दुर्भाग्य से राहुल गांधी के राजनीति में प्रवेश के बाद और विशेष रूप से जनवरी 2013 के बाद, जब उन्हें आपके (सोनिया गांधी) द्वारा उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया तो पार्टी में फिर परामर्श तंत्र ध्वस्त होता चला गया जो इससे पहले मौजूद था।
2. 'उनकी (राहुल गांधी) अपरिपक्वता के सबसे बड़े उदाहरणों में से एक वह वाकया था जब उन्होंने मीडिया के सामने एक सरकारी ऑर्डिनेंस को फाड़ दिया था।'
3. 'उनके इस इस बचकाने व्यवहार ने प्रधानमंत्री और भारत सरकार के अधिकार को पूरी तरह से नष्ट कर दिया। 2014 में यूपीए सरकार की हार के लिए यह एक वाकया बहुत जिम्मेदार था।'
4. 'साल 2014 से आपके नेतृत्व में और उसके बाद राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस दो लोकसभा चुनावों में अपमानजनक तरीके से हार गई है। 2014 से 2022 के बीच हुए 49 विधानसभा चुनावों में से 39 में उसे हार का सामना करना पड़ा। पार्टी ने केवल चार राज्यों के चुनाव जीते और छह मामलों में उसे गठबंधन के साथ जाना पड़ा। दुर्भाग्य से, आज कांग्रेस केवल दो राज्यों में शासन कर रही है और दो अन्य राज्यों में बहुत छोटी गठबंधन सहयोगी है।'
5. गुलाम नबी आजाद ने लिखा कि पार्टी की कमजोरियों पर ध्यान दिलाने के लिए पत्र लिखने वाले 23 नेताओं को अपशब्द कहे गए, उन्हें अपमानित किया गया, नीचा दिखाया गया।
6. बकौल आजाद- कांग्रेस में हालात अब ऐसी स्थिति पर पहुंच गए है, जहां से वापस नहीं आया जा सकता।
7. आजाद के अनुसार- पार्टी के साथ बड़े पैमाने पर धोखे और नुकसान के लिए नेतृत्व पूरी तरह से जिम्मेदार है। संगठन में किसी भी स्तर पर कहीं भी चुनाव नहीं हुए।
8. 'एआईसीसी के चुने हुए पदाधिकारियों को एआईसीसी का संचालन करने वाले छोटे समूह द्वारा तैयार की गई सूचियों पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया। कांग्रेस नेतृत्व को आज ‘भारत जोड़ो यात्रा’ शुरू करने से पहले ‘कांग्रेस जोड़ो यात्रा’ करनी चाहिए थी।'
9. आजाद ने लिखा- 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी की स्थिति लगातार बदतर होती जा रही है, जब आननफानन में राहुल ने अध्यक्ष पद छोड़ दिया था। आप (सोनिया गांधी) फिर अंतरिम अध्यक्ष बन गईं और पिछले तीन साल से आप इस पद पर हैं।
10. 'इससे भी बुरी बात यह है कि यूपीए सरकार की संस्थागत समग्रता को ध्वस्त करने वाला 'रिमोट कंट्रोल मॉडल' अब कांग्रेस में लागू हो गया है। आप केवल एक चेहरा रह गई हैं और सभी महत्वपूर्ण निर्णय राहुल गांधी द्वारा लिए जा रहे हैं या उससे भी बुरा उनके सुरक्षा गार्ड और पीए द्वारा लिए जा रहे हैं।'