सवर्णों का आरक्षण मामला: मोदी सरकार की लोकसभा में आज परीक्षा, बीजेपी -कांग्रेस ने सांसदों को जारी किया व्हिप

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 8, 2019 07:38 AM2019-01-08T07:38:25+5:302019-01-08T12:36:56+5:30

भाजपा ने अपने सांसदों को व्हिप जारी कर मंगलवार को संसद में मौजूद रहने को कहा है। भाजपा नीत राजग सरकार शिक्षा एवं नौकरियों में आर्थिक तौर पर कमजोर वर्गों के लिए 10 फीसदी आरक्षण का प्रावधान लागू करने से जुड़ा विधेयक मंगलवार को लोकसभा में पेश कर सकती है।

general quota constitutional amendment bill will tabled on lok sabha today | सवर्णों का आरक्षण मामला: मोदी सरकार की लोकसभा में आज परीक्षा, बीजेपी -कांग्रेस ने सांसदों को जारी किया व्हिप

सवर्णों का आरक्षण मामला: मोदी सरकार की लोकसभा में आज परीक्षा, बीजेपी -कांग्रेस ने सांसदों को जारी किया व्हिप

लोकसभा चुनावों से पहले एक बड़ा कदम उठाते हुए केंद्रीय कैबिनेट ने ‘‘आर्थिक रूप से कमजोर’’ तबकों के लिए नौकरियों एवं शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण को सोमवार को मंजूरी दे दी। भाजपा के समर्थन का आधार मानी जाने वाली अगड़ी जातियों की लंबे समय से मांग थी कि उनके गरीब तबकों को आरक्षण दिया जाए।  केंद्र सरकार के फैसले पर मंगलवार को लोकसभा में गहन चर्चा देखने को मिल सकती है। सूत्रों के मुताबिक सरकार इस आदेश को मंजूरी दिलाने के लिए संविधान संशोधन विधेयक ला सकती है। इस बात के संकेत इससे भी मिलते हैं कि बीजेपी ने अपने सभी सांसदों को मौजूद रहने के लिए व्हिप जारी किया है। यही नहीं विपक्षी दल कांग्रेस ने भी सांसदों से मौजूदगी के लिए कहा है 

भाजपा ने अपने सांसदों को व्हिप जारी किया

भाजपा ने अपने सांसदों को व्हिप जारी कर मंगलवार को संसद में मौजूद रहने को कहा है। भाजपा नीत राजग सरकार शिक्षा एवं नौकरियों में आर्थिक तौर पर कमजोर वर्गों के लिए 10 फीसदी आरक्षण का प्रावधान लागू करने से जुड़ा विधेयक मंगलवार को लोकसभा में पेश कर सकती है। इसे पारित करने के लिए दो-तिहाई सदस्यों का समर्थन जरूरी है। 

सूत्रों ने बताया कि लोकसभा में पारित होने के बाद इसे राज्यसभा को भेजा जाएगा। कांग्रेस ने शनिवार को अपने सांसदों को व्हिप जारी कर उनसे सोमवार और मंगलवार को संसद में मौजूद रहने को कहा था।

विधेयक पास कराने के लिए राज्यसभा की कार्यवाही एक दिन के लिए बढ़ाई गई 

केंद्र सरकार ने सोमवार को संसद के वर्तमान शीतकालीन सत्र में राज्यसभा की कार्यवाही एक दिन के लिए बढ़ाकर नौ जनवरी तक कर दिया। ‘‘आर्थिक रूप से पिछड़े’’ वर्गों के लिए नौकरियों एवं शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण का प्रावधान करने के लिए प्रस्तावित विधेयक पेश करने की खातिर राज्यसभा की कार्यवाही में एक दिन का विस्तार किया गया है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। 

सूत्रों ने बताया कि राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने सरकार के अनुरोध पर सहमति जताकर उच्च सदन की कार्यवाही एक दिन के लिए बढ़ा दी। बीते 11 दिसंबर को शुरू हुआ संसद का शीतकालीन सत्र मंगलवार (आठ जनवरी) को खत्म होने वाला था।

अनुच्छेद 15 और अनुच्छेद 16 में करने होंगे संशोधन 

प्रस्तावित आरक्षण अनुसूचित जातियों (एससी), अनुसूचित जनजातियों (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्गों (ओबीसी) को मिल रहे आरक्षण की 50 फीसदी सीमा के अतिरिक्त होगा, यानी ‘‘आर्थिक रूप से कमजोर’’ तबकों के लिए आरक्षण लागू हो जाने पर यह आंकड़ा बढकर 60 फीसदी हो जाएगा।

इस प्रस्ताव पर अमल के लिए संविधान संशोधन विधेयक संसद से पारित कराने की जरूरत पड़ेगी, क्योंकि संविधान में आर्थिक आधार पर आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है। इसके लिए संविधान के अनुच्छेद 15 और अनुच्छेद 16 में जरूरी संशोधन करने होंगे।

एक केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विधेयक एक बार पारित हो जाने पर संविधान में संशोधन हो जाएगा और फिर सामान्य वर्गों के गरीबों को शिक्षा एवं नौकरियों में आरक्षण मिल सकेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘विधेयक मौलिक अधिकारों के प्रावधानों के तहत अगड़ी जातियों के लिए आश्रय प्रदान करेगा। आरक्षण पर अधिकतम 50 फीसदी की सीमा तय करने का न्यायालय का फैसला संविधान में संशोधन का संसद का अधिकार नहीं छीन सकता।’

किस ने क्या कहा...

- कांग्रेस ने मोदी सरकार के इस फैसले को लोगों को बेवकूफ बनाने का ‘‘चुनावी पैंतरा’’ करार दिया और कहा कि यह लोकसभा चुनाव हारने के भाजपा के ‘‘डर’’ का प्रमाण है। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह देश को गुमराह कर रही है, क्योंकि संसद में संविधान संशोधन पारित कराने के लिए जरूरी बहुमत उसके पास नहीं है। भाजपा ने इस कदम की तारीफ की। पार्टी के कई नेताओं ने इसे ‘‘ऐतिहासिक’’ करार दिया। कुछ नेताओं ने कहा कि यह ‘सबका साथ सबका विकास’ के मोदी सरकार के ध्येय का प्रमाण है।

- भाजपा के उपाध्यक्ष विनय सहस्रबुद्धे ने इस आरक्षण को सामाजिक न्याय का दायरा बढ़ाने की दिशा में एक कदम करार दिया। 

- केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा की सहयोगी आरपीआई (अठावले) के नेता रामदास अठावले ने इस फैसले को ‘‘मास्टरस्ट्रोक’’ करार दिया और कहा कि इससे अगड़ी और पिछड़ी जातियों के बीच का फर्क खत्म होगा।

- बिहार के मुख्यमंत्री एवं जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार और लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान ने भी इस कदम का समर्थन किया।

English summary :
A major step before the Lok Sabha elections 2019, the central cabinet approved 10% reservation in government jobs and education for "economically weaker" sections of the upper castes on Monday. On the decision of the BJP lead central government, a detailed discussion will be in the Lok Sabha proceeding on Tuesday. BJP has issued Whip to all its MPs to be present. The opposition Congress has also asked for the presence of MPs in the Parliament.


Web Title: general quota constitutional amendment bill will tabled on lok sabha today

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