CDS बने रहेंगे जनरल अनिल चौहान, केंद्र ने कार्यकाल 8 माह बढ़ाया
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 24, 2025 22:12 IST2025-09-24T22:06:41+5:302025-09-24T22:12:46+5:30
सरकार ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) और सैन्य मामलों के विभाग के सचिव के रूप में जनरल अनिल चौहान की सेवा 30 मई 2026 तक या अगले आदेश तक बढ़ाने को मंजूरी दे दी है।

file photo
नई दिल्लीः प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान का कार्यकाल अगले साल मई तक बढ़ा दिया गया है। सरकार ने बुधवार को यह जानकारी दी। शीर्ष सैन्य अधिकारी के रूप में जनरल चौहान का वर्तमान कार्यकाल 30 सितंबर को समाप्त होने वाला था। सरकार ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) और सैन्य मामलों के विभाग के सचिव के रूप में जनरल अनिल चौहान की सेवा 30 मई 2026 तक या अगले आदेश तक बढ़ाने को मंजूरी दे दी है।
Government has approved the extension of service of General Anil Chauhan as Chief of Defence Staff (CDS) & Secretary, Department of Military Affairs, upto 30th May 2026, or until further orders: Ministry of Defence pic.twitter.com/PMKnA10UNL
— ANI (@ANI) September 24, 2025
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि सरकार ने जनरल चौहान के प्रमुख रक्षा अध्यक्ष और सैन्य मामलों के विभाग के सचिव के रूप में सेवा विस्तार को मंजूरी प्रदान की है जो अगले वर्ष 30 मई तक या अगले आदेश तक, जो भी पहले हो जारी रहेगा। वह 30 सितंबर, 2022 से प्रमुख रक्षा अध्यक्ष के पद पर तैनात हैं।
जनरल अनिल चौहान ने ‘काइनेटिक’ और ‘नॉन-काइनेटिक’ युद्ध के बीच सिमटते फासले के मद्देनजर आधुनिक युद्ध की बदलती प्रकृति पर प्रकाश डालते हुए कहा था कि इससे उन्नत और एकीकृत तकनीकी समाधानों की आवश्यकता बढ़ी है। हथियारों, नेटवर्क और सिद्धांतों में स्वदेशी क्षमता विकसित करने की दिशा में शिक्षा, स्टार्ट-अप और उद्योग जगत की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया।
जनरल अनिल चौहान ने आत्मनिर्भरता को रणनीतिक स्वायत्तता के लिए अनिवार्य शर्त करार दिया। उन्होंने कहा कि भारत में भविष्य के युद्ध पर आधारित पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं, जबकि अंतरिक्ष, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और क्वांटम मिशन जैसे क्षेत्रों में नीतिगत पहल की जा रही हैं।
हथियारों का रणनीतिक चयन सबसे अहम है और अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) की समीक्षा कर उन्हें आधुनिक आवश्यकताओं के अनुरूप ढाला जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “हमने भविष्य के युद्ध पर आधारित पाठ्यक्रम शुरू किए हैं-भविष्य में किस तरह का युद्ध होगा।