पहली पत्नी के रहते क्या दूसरी पत्नी भी पेंशन की हकदार है? गुवाहाटी हाई कोर्ट ने दिया फैसला, जानिए
By विनीत कुमार | Published: June 6, 2022 11:13 AM2022-06-06T11:13:51+5:302022-06-06T11:22:57+5:30
गुवाहाटी हाई कोर्ट ने कहा है कि पहली पत्नी के रहते दूसरी पत्नी सरकारी पेंशन पाने का अधिकार नहीं रखती है। एक मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ये फैसला दिया।
गुवाहाटी: सरकारी कर्मचारी के पेशन को लेकर एक मुद्दे पर गुवाहाटी हाई कोर्ट ने अहम फैसला दिया है। गुवाहाटी हाई कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा है कि पहली पत्नी के रहते किसी सरकारी कर्मचारी की दूसरी पत्नी पेंशन की हकदार नहीं है। कोर्ट ने कहा कि ऐसा इसलिए क्योंकि हिंदू विवाह अधिनियम में दो बार विवाह की मान्यता नहीं है।
हाल में अपने एक फैसले में जस्टिस संजय कुमार मेधी की पीठ ने प्रतिमा डेका द्वारा दायर एक याचिका को खारिज करते हुए यह टिप्पणी की। प्रतिमा डेका ने बीरेन डेका की पत्नी होने का दावा करते हुए पारिवारिक पेंशन की मांग की थी। बीरेन डेका सिंचाई विभाग के कर्मचारी थे और 2016 में उनकी मृत्यु हो गई थी। पीड़ित याचिकाकर्ता ने पति की मृत्यु के बाद पारिवारिक पेंशन का भुगतान नहीं होने को लेकर 2019 में हाई कोर्ट का रुख किया था। हालांकि, उनके दावे का बीरेन की पहली पत्नी गोलापी डेका ने विरोध किया था।
अदालत ने याचिका पर सुनवाई करते हुए देखा कि दोनों पक्ष हिंदू धर्म से हैं और हिंदू विवाह अधिनियम के अनुसार इसमें दो विवाह की कोई अवधारणा नहीं है और यह भारतीय दंड संहिता के तहत एक अपराध है और तलाक का आधार भी है। ऐसे में अदालत के पास यह कहते हुए याचिका खारिज करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था कि पहली पत्नी के अस्तित्व में दूसरी पत्नी पारिवारिक पेंशन की हकदार नहीं है।