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सोनमर्ग इलाके की सुरक्षा को नजरअंदाज करने का नतीजा है गगनगीर का हमला, 10 सालों से इस इलाके में कोई हमला नहीं हुआ था

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: October 21, 2024 11:27 IST

इस साल जितने भी बड़े आतंकी हमले हुए हैं वह जम्मू में हुए हैं। यह पहली बार है जब कश्मीर में इस साल इतना बड़ा आतंकी हमला हुआ है। जबकि यह भी पहली बार है कि विकास की परियोजनाओं को आतंकियों ने निशाना बनाने की कोशिश की है।

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ठळक मुद्देश्रमिकों और कर्मचारियों की हत्‍याओं के मामले में कई चौंकाने वाले तथ्‍य सामने आए हैंटीआरएफ यानी द रजिस्‍टेंस फ्रंट के आतंकियों का यह बड़ा आतंकी हमला हैइस साल जितने भी बड़े आतंकी हमले हुए हैं वह जम्मू में हुए हैं

जम्‍मू: सोनमर्ग के गगननीर इलाके में जेड मोड़ टनल के कार्य में जुटे श्रमिकों और कर्मचारियों की हत्‍याओं के मामले में कई चौंकाने वाले तथ्‍य सामने आए हैं। सबसे बड़ी जानकारी यह है कि इलाके में पिछले दस सालों से कोई आतंकी घटना नहीं होने के कारण इलाके की सुरक्षा को नजरअंदाज कर दिया गया था।

यह सच है कि जम्मू कश्मीर में नई सरकार बनने के बाद टीआरएफ यानी द रजिस्‍टेंस फ्रंट के आतंकियों का यह बड़ा आतंकी हमला है। खासबात यह है कि पिछले 10 सालों में इस इलाके में आतंकियों ने ना के बराबर कोई वारदात को अंजाम दिया था। ऐसे में यह मान लिया गया था कि इलाके से आतंकवाद पूरी तरह से खत्‍म हो चुका है।

इस साल जितने भी बड़े आतंकी हमले हुए हैं वह जम्मू में हुए हैं। यह पहली बार है जब कश्मीर में इस साल इतना बड़ा आतंकी हमला हुआ है। जबकि यह भी पहली बार है कि विकास की परियोजनाओं को आतंकियों ने निशाना बनाने की कोशिश की है। 

यही नहीं पहली बार ऐसा है कि लोकल और नॉन लोकल दोनों को टारगेट किया गया है। विकास परियोजनाओं में शामिल लोगों के हौसले को पस्त करने की खौफनाक रणनीति अब आतंकी संगठन अपना रहे हैं। गंदरबल में जिस टनल के पास यह आतंकी हमला हुआ है, वह आल वेदर रोड है। इस ऑल वेदर रोड का निर्माण पिछले कुछ सालों से चल रहा है यह रोड सीधे गंदरबल से सोनमर्ग और वहां से लेह को कनेक्ट करता है।

इस हमले के बाद सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि इतनी अहम टनल के निर्माण के लिए यहां सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं था? क्योंकि जिस तरह से आतंकी आए और फिर वारदात को अंजाम देकर लौट गए, उसे सुरक्षा में चूक ही माना जाएगा. अभी तक सुरक्षाबलों ने इसे लेकर कोई जानकारी नहीं दी गई है।

हालांकि दावा किया जा रहा है कि इस हमले के उपरांत पूरे कश्‍मीर में हाई अलर्ट जारी किया गया है क्‍योंकि यह सूचनाएं मिल रही हैं कि उस पार से कई आतंकी हाल ही में इस ओर घुसने में कामयाब रहे हैं जो आने वाले दिनों में और हमलों को अंजाम दे सकते हैं। इतना जरूर था कि इस हमले ने प्रशासन व सुरक्षाबलों के उस दावे की धज्जियां जरूर उड़ा दी थीं जिसमें पांच सालों से दावा किया जा रहा था कि आतंकवाद पूरी तरह से मर चुका है।

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