भारत ने ट्रंप के 100,000 डॉलर एच-1बी वीज़ा शुल्क पर दी प्रतिक्रिया, जानें क्या कहा
By रुस्तम राणा | Updated: September 20, 2025 21:42 IST2025-09-20T21:42:05+5:302025-09-20T21:42:05+5:30
विदेश मंत्रायल के बयान में कहा गया है, "भारत और अमेरिका दोनों के उद्योगों की नवाचार और रचनात्मकता में रुचि है और उनसे आगे के सर्वोत्तम मार्ग पर परामर्श की उम्मीद की जा सकती है।"

भारत ने ट्रंप के 100,000 डॉलर एच-1बी वीज़ा शुल्क पर दी प्रतिक्रिया, जानें क्या कहा
नई दिल्ली: भारत ने शनिवार को ट्रंप प्रशासन द्वारा एच-1बी वीज़ा पर 1,00,000 डॉलर का वार्षिक शुल्क लगाने के फ़ैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त की। विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि वह अमेरिका के इस फ़ैसले के प्रभावों की जाँच कर रहा है। विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, "सरकार ने अमेरिकी एच1बी वीज़ा कार्यक्रम पर प्रस्तावित प्रतिबंधों से संबंधित रिपोर्टें देखी हैं। इस उपाय के पूर्ण प्रभावों का अध्ययन सभी संबंधित पक्षों द्वारा किया जा रहा है, जिसमें भारतीय उद्योग भी शामिल है, जिसने एच1बी कार्यक्रम से संबंधित कुछ धारणाओं को स्पष्ट करते हुए एक प्रारंभिक विश्लेषण पहले ही प्रस्तुत कर दिया है।"
बयान में कहा गया है, "भारत और अमेरिका दोनों के उद्योगों की नवाचार और रचनात्मकता में रुचि है और उनसे आगे के सर्वोत्तम मार्ग पर परामर्श की उम्मीद की जा सकती है।" बयान में आगे कहा गया है, "कुशल प्रतिभाओं की गतिशीलता और आदान-प्रदान ने अमेरिका और भारत में प्रौद्योगिकी विकास, नवाचार, आर्थिक विकास, प्रतिस्पर्धात्मकता और धन सृजन में बहुत बड़ा योगदान दिया है। इसलिए नीति निर्माता हाल के कदमों का मूल्यांकन पारस्परिक लाभों को ध्यान में रखते हुए करेंगे, जिसमें दोनों देशों के बीच मज़बूत जन-जन संबंध शामिल हैं।"
विदेश मंत्रालय ने अपने वक्तव्य के अंत में चेतावनी दी कि इस उपाय से प्रभावित परिवारों पर “मानवीय परिणाम” पड़ सकते हैं। बयान में कहा गया है, "इस कदम से परिवारों पर पड़ने वाले व्यवधान के कारण मानवीय परिणाम होने की संभावना है। सरकार को उम्मीद है कि अमेरिकी प्राधिकारी इन व्यवधानों का उचित समाधान कर सकेंगे।"
Our statement regarding restrictions to the US H1B visa program⬇️
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) September 20, 2025
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डोनाल्ड ट्रम्प ने शुक्रवार को एक घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत सभी H-1B वीज़ा धारकों के लिए 100,000 अमेरिकी डॉलर (करीब ₹90 लाख) का वार्षिक शुल्क अनिवार्य कर दिया गया है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, रविवार (21 सितंबर, सुबह 12:01 बजे EDT/सुबह 9:30 बजे IST) से, मौजूदा H-1B वीज़ा धारकों सहित सभी कर्मचारियों को अमेरिका में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी, जब तक कि उनके नियोक्ता शुल्क का भुगतान नहीं करते।
नया नियम नए एच-1बी आवेदनों और विस्तारों दोनों पर लागू होता है, जिसके तहत कंपनियों को प्रसंस्करण के लिए 100,000 अमेरिकी डॉलर का अग्रिम भुगतान करना होगा और वीजा को बनाए रखने के लिए हर साल 100,000 अमेरिकी डॉलर का अतिरिक्त भुगतान करना होगा।