कबाब से कैफे तकः जामा मस्जिद इलाके में खान-पान का नया कलेवर

By भाषा | Updated: December 18, 2021 20:17 IST2021-12-18T20:17:19+5:302021-12-18T20:17:19+5:30

From Kebab to Cafe: New taste of food in Jama Masjid area | कबाब से कैफे तकः जामा मस्जिद इलाके में खान-पान का नया कलेवर

कबाब से कैफे तकः जामा मस्जिद इलाके में खान-पान का नया कलेवर

(मनीष सैन)

नयी दिल्ली, 18 दिसंबर पुरानी दिल्ली में जामा मस्जिद इलाके की प्रसिद्ध गलियों में, जहां एक ओर धीमी आंच पर पकी हुई निहारी और भुने हुए तंदूरी चिकन की सुगंध इन गलियों को खाने के शौकीन लोगों से गुलजार रखती है, वहीं अब लोग इन गलियों में गार्लिक ब्रेड और पिज्जा के साथ कॉफी का आनंद भी ले सकते हैं।

राजधानी में 17वीं शताब्दी में निर्मित जामा मस्जिद और उसके आस-पास का इलाका दिल्लीवासियों के लिए ही नहीं बल्कि देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है। वे लोग जो व्यंजनों के जायके का आनंद लेने के साथ इतिहास में रूचि रखते हैं, उन लोगों के लिए दिल्ली में इससे बेहतर जगह संभवत: कोई और नहीं हो सकती।

वैश्वीकरण के इस दौर में लोगों की इच्छाएं और रूचियां काफी बदल गयी हैं। इसको देखते हुए पुरानी दिल्ली की इन गलियों में अब शानदार मुगलई व्यंजन परोसने वाली कबाब और अन्य प्रकार की दुकानों के अलावा नये-नये कैफे भी खुल रहे हैं। युवा उद्यमियों और शेफों ने इस दिशा में नयी शुरुआत की है और पुरानी दिल्ली को एक वैश्विक और नया रंग देने की कोशिश की है।

पुरानी दिल्ली के दिल में एक नये कलेवर वाले कैफे की तलाश एबोनी कैफे के साथ समाप्त होती है, जो जामा मस्जिद के गेट नंबर तीन से केवल चंद कदमों की दूरी पर स्थित है। मेनू में कैपीचिनो, अमेरिकानो, लैटेस और नियपोलिटन पिज्जा के साथ, एबोनी कैफे के सद्दाम खान ने दुनिया भर में शीरमल,कबाब,निहारी और कोरमा के लिए विख्यात क्षेत्र को एक नया रंग देने की कोशिश की है।

इंग्लैंड में पढ़ाई पूरी करने के बाद 2011 में देश लौटे सद्दाम खान का कहना है कि उन्होंने पुरानी दिल्ली में एक कैफे की जरुरत महसूस की, जहां युवा कॉफी का मजा लेते हुए गप्पे मार सकें। उन्होंने कहा कि इससे पहले पुरानी दिल्ली के युवाओं को इसके लिए दिल्ली विश्वविद्यालय अथवा कमला नगर जाना पड़ता था, जो यहां से कुछ किलोमीटर की दूरी पर है। लेकिन, अब ऐसा नहीं है।

खान ने पीटीआई-भाषा से कहा, “ पुरानी दिल्ली में इस तरह की कोई जगह नहीं थी, इसलिए हम कुछ अलग और नया करना चाहते थे। मैं यहां के लोगों के लिए कुछ ऐसा करना चाहता था, ताकि उन्हें बाहर न जाना पड़े।“

खान की तरह कुछ अन्य लोगों ने भी पुरानी दिल्ली की पहचान को एक नया कलेवर देने की कोशिश की है।

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Web Title: From Kebab to Cafe: New taste of food in Jama Masjid area

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