आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में चार और कर्मचारी बर्खास्त, कई और पर भी जल्द गिर सकती है गाज

By सुरेश एस डुग्गर | Published: November 22, 2023 03:22 PM2023-11-22T15:22:25+5:302023-11-22T15:24:57+5:30

बर्खास्त किए गए लोगों में एक डॉक्टर, एक पुलिस कांस्टेबल, एक शिक्षक और उच्च शिक्षा विभाग में एक लैब बियरर शामिल हैं। उन्हें भारत के संविधान के 311 (2) (सी) का उपयोग करके यूटी प्रशासन द्वारा बर्खास्त कर दिया गया है, जो इसे बिना किसी जांच के ऐसा करने का अधिकार देता है।

Four more employees dismissed for being involved in terrorist activities many more may also be punished soon | आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में चार और कर्मचारी बर्खास्त, कई और पर भी जल्द गिर सकती है गाज

फोटो - (उप राज्यपाल जम्मू-कश्मीर, मनोज सिन्हा)

Highlightsजम्मू कश्मीर प्रशासन ने राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के आरोप में डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष को किया बर्खास्तभारत के संविधान के 311 (2) (सी) का उपयोग करके यूटी प्रशासन द्वारा बर्खास्त कर दिया गया हैइस कानून के तहत, मामले में बिना किसी जांच के ऐसा करने का अधिकार देता है।

जम्मू: जम्मू कश्मीर प्रशासन ने राष्ट्रविरोधी और आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में डॉक्टर्स एसोसिएशन आफ कश्मीर (डीएके) के अध्यक्ष सहित चार कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है। इस बीच प्रशासन ने जल्द ही बीसियों और कर्मचारियों पर गाज गिराने की तैयारी की है।

सूत्रों ने बताया कि बर्खास्त किए गए लोगों में एक डॉक्टर, एक पुलिस कांस्टेबल, एक शिक्षक और उच्च शिक्षा विभाग में एक लैब बियरर शामिल हैं। उन्हें भारत के संविधान के 311 (2) (सी) का उपयोग करके यूटी प्रशासन द्वारा बर्खास्त कर दिया गया है, जो इसे बिना किसी जांच के ऐसा करने का अधिकार देता है।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, बर्खास्त किए लोगों में डा निसार-उल-हसन (डॉक्टर), सलाम राथर (उच्च शिक्षा विभाग में प्रयोगशाला प्रभारी), अब्दुल मजीद भट (कांस्टेबल) और फारूक अहमद मीर (शिक्षक) शामिल हैं। अधिकारियों ने खुलासा किया कि यह आतंकवादी पारिस्थितिकी तंत्र और इसके प्रमुख हितधारकों के खिलाफ केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन के युद्ध का हिस्सा है, जिन्हें अतीत में विभिन्न रंगों के राजनीतिक शासनों द्वारा गुप्त रूप से सरकारी तंत्र में शामिल किया गया था।

जानकारी के लिए पिछले 3 सालों में, केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन ने राष्ट्रविरोधी और आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के लिए 50 से अधिक ऐसे कर्मचारियों को बर्खास्त करने के लिए भारत के संविधान की धारा 311 (2) (सी) का इस्तेमाल किया है।

इस बीच प्रदेश प्रशासन ने और उन सरकारी कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाने का मन बना लिया है जिनके प्रति उसे शक है कि वे आतंकी तथा राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में कथित तौर पर लिप्त हैं। 

इसकी खातिर उसने वर्ष 2018 के बाद भर्ती हुए सभी सरकारी कर्मचारियों व अफसरों की सीआईडी जांच करवाने का जिो निर्देश जनवरी में दिया था उसके परिणाम आने शुरू हो गए हैं और उसके आधार पर अभी तक 100 के करीब कर्मियों को सरकारी नौकरियों से बाहर निकाला जा चुका है जबकि डेढ़ से 200 के बीच कर्मियों को अगले कुद दिनों में ऐसी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।

जानकारी के लिए सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों में शामिल पाए गए कई कर्मचारियों की सेवाओं को समाप्त कर दिया है। सेवा के नियमों में संशोधन यही सुनिश्चित करने के लिए किया गया था कि नई नियुक्तियों पर तैनात कर्मचारियों के रिकार्ड जांच लिए जाएं कि कहीं वे किसी तरह के आपराधिक मामलों में संलिप्त तो नहीं रहे हैं।

Web Title: Four more employees dismissed for being involved in terrorist activities many more may also be punished soon

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे

टॅग्स :Jammu