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पूर्व केंद्रीय मंत्री और दिग्गज नेता ई.वी.के.एस. एलंगोवन ने 38 साल बाद तमिलनाडु विधानसभा में दोबारा प्रवेश किया

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: March 21, 2023 15:51 IST

ई.वी.के.एस. एलंगोवन दक्षिण भारत के कांग्रेस के काफी जाने माने दिग्गज नेता है। केन्द्रीय मंत्री रह चुके और अपने काम को चलते कांग्रेस पार्टी में ही नहीं बल्की लोगों के दिलों में भी जगह बनाने में कामयाब हुए है।

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ठळक मुद्देइरोड ईस्ट सीट के उपचुनाव में डीएमके गठबंधन के कांग्रेस उम्मीदवार और पूर्व केंद्रीय मंत्री ई.वी.के.एस. एलंगोवन भारी मतों से जीते हैं।यह सीट एलंगोवन के परिवार का गढ़ रही है।दोनों उम्मीदवारों के बीच 66,575 मतों का बहुत बड़ा अंतर था यह उनकी राजकीय कामयाबी को बयां करता है।

चेन्नई: ई.वी.के.एस. एलंगोवन दक्षिण भारत के कांग्रेस के काफी जाने माने दिग्गज नेता है। केन्द्रीय मंत्री रह चुके और अपने काम को चलते कांग्रेस पार्टी में ही नहीं बल्की लोगों के दिलों में भी जगह बनाने में कामयाब हुए है। यही भरोसे के साथ लोगों ने उपचुनाव में उनको भारी मतो से जीत दिलाई है। अपने दिवंगत विधायक बेटे की सीट पर जीत हांसिल कर उनके बेटे के काम को वो तेजी से आगे बढ़ा रहे है।

इरोड ईस्ट सीट के उपचुनाव में डीएमके गठबंधन के कांग्रेस उम्मीदवार और पूर्व केंद्रीय मंत्री ई.वी.के.एस. एलंगोवन भारी मतों से जीते हैं। यह सीट एलंगोवन के परिवार का गढ़ रही है। इसी सिलसिले को आगे बढ़ाया है, अंतिम दौर की मतगणना के बाद कांग्रेस प्रत्याशी ई.वी.के.एस. एलंगोवन को भारी मात्रा में 1,10,556 मत मिले थे और अन्नाद्रमुक उम्मीदवार तेनारासा को 43,981 मत मिले। 

दोनों उम्मीदवारों के बीच 66,575 मतों का बहुत बड़ा अंतर था यह उनकी राजकीय कामयाबी को बयां करता है। उन्हों ने इस महीने विधायक के तौर पर शपथ लिया है।मुखर ई.वी.के.एस. एलंगोवन ने विधायक के रूप में अपनी नई पारी की शुरुआत जोरदार अंदाज में की है। जिन लोगों ने सोचा था कि वह राज्य विधानसभा की बहसों में क्या मूल्य जोड़ सकते हैं, उन्हें उनके पदभार ग्रहण करने के पहले ही दिन उनकी व्यंग्यात्मक क्षमताओं की एक नई झलक मिली थी।

उनके राजकीय करियर की सफर की बात की जाए तो, एलंगोवन ई.वी.के. संपत के पुत्र और पेरियार ई.वी. रामासामी के भाई कृष्णासामी के पोते हैं। उनका जन्म 21 दिसंबर, 1948 को हुआ था। वे कांग्रेस से पहले से ही जुड़े है। उन्होंने 1984 के तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में सत्यमंगलम निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा और जीत हांसिल की। 

उन्होंने पहले तमिलनाडु के गोबिचेट्टीपलायम लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया और प्रधान मंत्री डॉ मनमोहन सिंह सरकार में भारत सरकार (2004 -2009) में टेक्सटाइल्स मंत्री थे। वे अपनी राजकीय कारकिर्दी में तब से लेके आज तक मजबूती से आगे ही बढ रहे है। उनका राजकीय जीवन भी काफी उतार चढाव भरा रहा है। 

कभी हार का सामना भी करना पड़ा है लेकिन फिर से वो खडे हुए और उन्होंने नई उपलब्धियाँ हांसिल की। उन्हें 31 अक्टूबर 2014 को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की प्रमुख सोनिया गांधी द्वारा तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। एलंगोवन ने 2014 और 2017 के बीच तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी (TNCC) के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया है। उनकी पत्नी वरलक्ष्मी हैं और छोटे बेटे का नाम संजय संपत है।

इस उपचुनाव में बडी उपलब्धि जीत की दर्ज करवाई है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष एलंगोवन शुरू में उपचुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं थे। हालाँकि, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने उम्मीदवार के रूप में उनके नाम की घोषणा की। अब वह 38 साल बाद तमिलनाडु विधानसभा में दोबारा प्रवेश कर रहे हैं। 

जब चुनाव का रीजल्ट था तब की बात की जाए तो, मतगणना शुरू होने के बाद से ही ई.वी.के.एस. एलंगोवन आगे चल रहे थे। बाद में दोपहर में, उनकी जीत निश्चित ही मानी गई थी, जनता को भी काफी यकीन था, चुनाव के संपूर्ण नतीजे से पहले ही एलंगोवन की चुनावी जीत का जश्न मनाना शुरू कर दिया गया था। 

एलंगोवन की जीत की खबर सत्तारूढ़ मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने साझा की, कांग्रेस पार्टी ने भी मिठाई बांटकर खुशी का इजहार करना शुरू कर दिया। इसके बाद, NSUI तमिलनाडु सोशल मीडिया विंग के अध्यक्ष अब्दुल सलाम ने  ई.वी.के.एस. एलंगोवन से मुलाकात की और उन्हें बधाई दी। क्योंकि जनता उनके परिवार पे पहले से विश्वास करती आई है।

राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाने के लिए पहचाने जाने वाले कांग्रेस पार्टी के कद्दावर नेता ई.वी.के.एस. ने फोर्ट सेंट जॉर्ज में पत्रकारों को निराश नहीं किया, जब उन्होंने शपथ ग्रहण समारोह के दौरान पार्टी व्हिप एस विजयधरनी की अनुपस्थिति पर उनकी प्रतिक्रिया मांगी। एलंगोवन ने कहा, "किसका कोड़ा? ओ विजयधरानी। आज समारोह के लिए उन्हें आमंत्रित नहीं करने के लिए मैं उनसे माफी मांगता हूं।"

जैसे कि यह पर्याप्त विडंबना नहीं थी, अनुभवी राजनेता ने आगे कहा, "अगली बार जब मुझे शपथ लेने का अवसर मिलेगा, तो मैं व्यक्तिगत रूप से उनसे मिलूंगा और उन्हें आमंत्रित करूंगा।" यानी की वो जो भी बात होती है वो सही कहने में कभी हिचकीचाते नहीं है। बेबाक बोल देते है। यही उनकी पहचान भी है।

टॅग्स :Tamil Nadu Assembly
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