नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश वी रामसुब्रमण्यम को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। उनसे पहले न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) अरुण कुमार मिश्रा का कार्यकाल 1 जून को पूरा हो गया था। तब से एनएचआरसी अध्यक्ष का पद खाली पड़ा था।
अधिकार पैनल के आठवें अध्यक्ष अरुण कुमार मिश्रा को जून 2021 में इसके शीर्ष पद पर नियुक्त किया गया था। अरुण कुमार मिश्रा, जो सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश थे, 2019 में मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम में संशोधन के बाद से NHRC प्रमुख पद पर नियुक्त होने वाले पहले गैर-CJI थे।
उन्होंने भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एच एल दत्तू का स्थान लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली उच्चस्तरीय समिति ने 18 दिसंबर को एक बैठक बुलाई थी, जिसमें NHRC के अगले अध्यक्ष का चयन किया गया था।
राष्ट्रपति चयन समिति की सिफारिश पर एनएचआरसी अध्यक्ष की नियुक्ति करते हैं। आमतौर पर भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश या शीर्ष अदालत के सेवानिवृत्त न्यायाधीश को एनएचआरसी प्रमुख के रूप में नियुक्त किया जाता है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एनएचआरसी ने कहा, "भारत के माननीय राष्ट्रपति न्यायमूर्ति वी. रामसुब्रमण्यम (सेवानिवृत्त) को अध्यक्ष और श्री प्रियांक कानूनगो और डॉ. न्यायमूर्ति बिद्युत रंजन सारंगी (सेवानिवृत्त) को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी), भारत का सदस्य नियुक्त करते हैं।"
गौरतलब है कि प्रियांक कानूनगो इससे पहले राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के अध्यक्ष रह चुके हैं। उन्होंने सोमवार को कहा, "और अब एनएचआरसी के सदस्य के तौर पर मैं मुझसे अपेक्षित जिम्मेदारियों को पूरा करने की कोशिश करूंगा।"