पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा ने बृहस्पतिवार को कहा कि उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से कहा है कि कांग्रेस और उनकी पार्टी जदएस के कुछ नेताओं द्वारा कर्नाटक में गठबंधन सरकार के बारे में बार-बार सार्वजनिक बयानबाजी किये जाने से वह आहत हैं।
देवगौड़ा की यह टिप्पणी सत्ताधारी जदएस-कांग्रेस गठबंधन के नेताओं द्वारा राज्य में लोकसभा चुनाव में गठबंधन के खराब प्रदर्शन के बाद सार्वजनिक रूप से बार-बार मतभेद उजागर करने की पृष्ठभूमि में आयी है। दोनों पार्टियां इस लोकसभा चुनाव में राज्य की कुल 28 सीटों में से मात्र एक-एक सीट ही जीत पायी थीं जबकि भाजपा ने 25 सीटों पर जीत दर्ज की।
जदएस प्रमुख ने कहा, ‘‘कम से कम यहां (राज्य कैबिनेट में निर्दलीयों को शामिल करने के) बाद मेरी पार्टी या कांग्रेस द्वारा कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया नहीं दी जानी चाहिए।’’ उल्लेखनीय है कि दो निर्दलीय विधायकों को हाल में मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी नीत कैबिनेट में शामिल किया गया है जिसका परोक्ष तौर पर लक्ष्य 13 महीने पुराने गठबंधन को मजबूती प्रदान करना है।
देवगौड़ा ने कहा कि उन्होंने गांधी से कहा, ‘‘मैं पहले दिन से देख रहा हूं, मैं बहुत आहत हूं। यह पहली बार है जब मैं आपको यह कह रहा हूं। आप कोई निर्णय करिये। कृपया कर्नाटक के अपने सभी नेताओं से कहिये (कि सरकार के बारे में सार्वजनिक रूप से नहीं बोलें)।
बुधवार को गांधी से मुलाकात के बाद कांग्रेस नेता सिद्धरमैया द्वारा कथित रूप से यह कहे जाने के बारे में पूछे जाने पर कि गठबंधन सही तरह से काम नहीं कर रहा है और अकेले चुनाव लड़ने पर पार्टी ने अच्छा किया होता, देवगौड़ा ने कहा, ‘‘मैं फिलहाल प्रतिक्रिया नहीं देना चाहता, काफी समय है।’’
कुछ नेताओं द्वारा यह विचार व्यक्त करने के बारे में पूछे जाने पर कि गठबंधन से दोनों पार्टियों को नुकसान हो रहा है, जदएस प्रमुख ने कहा कि गठबंधन का विचार उनका नहीं बल्कि गांधी, संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद का था।
देवगौड़ा ने कहा, ‘‘मैंने उनसे कहा था हम यह (गठबंधन सरकार) नहीं चाहते लेकिन परमेश्वर और मुनियप्पा ने हमसे सम्पर्क किया। (मल्लिकार्जुन) खड़गे ने कहा कि हमें यह आदेश दिया गया है कि यह सुनिश्चित करें कि यह स्वरूप ले।’’ जी परमेश्वर, के एच मुनियप्पा और मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं।