शिलांगः मेघालय में कांग्रेस को बड़ा झटका है। पूर्व मुख्यमंत्री मुकुल संगमा के नेतृत्व में 17 में से 12 विधायक तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए। पूर्व सीएम मुकुल संगमा ने कहा कि हमने तृणमूल कांग्रेस के साथ जाने का फैसला लिया है।
मेघालय के पूर्व सीएम मुकुल संगमा ने गुरुवार को कहा कि कांग्रेस छोड़ने का फैसला एक सोच-समझकर किया गया फैसला था और इसे "कर्तव्य और जिम्मेदारी" के हित में लिया गया था। संगमा ने कहा, "लोगों की सेवा करने के प्रति प्रतिबद्धता की भावना ने हमें यह निर्णय लेने के लिए प्रेरित किया है। 2018 के विधानसभा चुनावों में, हमें सरकार बनाने का भरोसा था, लेकिन हम ऐसा नहीं कर सके। फिर, चुनाव के बाद हमारे सदस्यों को हथियाने के लिए गतिविधियां हुईं।"
संगमा ने इस निर्णय के लिये ''विभाजनकारी शक्तियों'' से लड़ने में कांग्रेस की ''प्रभावहीनता'' को जिम्मेदार बताया, जिसके चलते राज्य की राजनीति में कोई खास हैसियत नहीं रखने वाली ममता बनर्जी की पार्टी विपक्ष की अगुवा बन गई है।
इस घटनाक्रम से न केवल टीएमसी प्रमुख तथा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का कद बढ़ा है बल्कि निकट भविष्य में बंगाल में शासन करने की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की महत्वाकांक्षाओं को भी झटका लगा है।
साथ ही इसने एक प्रभावी राजनीतिक वार्ताकार और एक चुनावी रणनीतिकार के रूप में प्रशांत किशोर की छवि को भी मजबूत किया है। पूर्वोत्तर में अपेक्षाकृत शांत राज्य माने जाने वाले मेघालय में साल 2010 से 2018 तक मुख्यमंत्री रहे संगमा ने कहा कि टीएमसी में शामिल होने का फैसला लेने की वजह भाजपा से लड़ाई में कांग्रेस की विफलता है।
भाजपा राज्य में मजबूत हो रही है। दूसरी ओर कई लोगों का मानना है कि इसकी वजह यह है कि संगमा बिना उनसे सलाह लिये विंसेंट एच पाला को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किये जाने से नाराज थे। संगमा ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, “जैसा कि आप जानते हैं कि देश में विभाजनकारी ताकतें मजबूत हो रही हैं। हमें उन्हें पराजित करना होगा। कांग्रेस की प्रभावहीनता से एक खालीपन पैदा हुआ है और हमने राजग से मुकाबला करने के लिये एक अखिल भारतीय दल खोजने के अपने प्रयासों के तहत आज यह निर्णय लिया है।''
उन्होंने कहा, ''मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि मैं इन विधायकों के साथ औपचारिक रूप से अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गया हूं। हम जानते हैं कि यह फैसला हमारे राज्य और हमारे देश के लिए बेहतर संभावनाएं लेकर आएगा।'' संगमा ने कहा कि ममता बनर्जी की अगुवाई वाली पार्टी में शामिल होने का फैसला इस बात का ‘‘पूरा विश्लेषण करने के बाद किया गया है कि कैसे बेहतर तरीके से लोगों की सेवा की जा सकती है।’’ संगमा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस राज्य में भाजपा और उसके सहयोगियों का मुकाबला करने में विफल रही है। उन्होंने कहा, “पिछले कुछ वर्षों के दौरान हमने राज्य की बेहतर सेवा नहीं की है। हमारी क्षमता का इष्टतम उपयोग अब हो सकता है। ”
साठ सदस्यीय सदन में कांग्रेस के 17 विधायक हैं, जिनमें से 12 ने विधानसभा अध्यक्ष मेतबाह लिंगदोह को अपने विलय के फैसले से औपचारिक रूप से अवगत करा दिया है। मुकुल संगमा से जब शेष पांच विधायकों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अन्य विधायकों ने अभी फैसला नहीं किया है।