Rani Rampal retires: भारतीय महिला हॉकी टीम की पूर्व कप्तान रानी रामपाल ने संन्यास की घोषणा की है। रानी रामपाल ने भारत को टोक्यो ओलंपिक में ऐतिहासिक चौथे स्थान पर पहुंचाया था। 24 अक्टूबर को पेशेवर खेल से संन्यास की घोषणा की। 16 साल की करियर में रानी रामपाल ने भारत के लिए 254 मैच खेले और 205 गोल किए। रानी हॉकी के लिए एक आइकन बन गईं। रानी के पिता ठेला खींचने का काम करते थे और वह अपने करियर के दौरान हरियाणा के एक छोटे से शहर से निकलकर लोगों के लिए प्रेरणा बनीं।
रानी की अगुआई में भारत ने 2021 में टोक्यो खेलों के दौरान ओलंपिक में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए चौथा स्थान हासिल किया। रानी ने प्रेस कांफ्रेंस में संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह एक शानदार यात्रा रही है। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं भारत के लिए इतने लंबे समय तक खेलूंगी। मैंने बचपन से बहुत गरीबी देखी है लेकिन मेरा ध्यान हमेशा कुछ करने पर था, देश का प्रतिनिधित्व करने पर।’’
रानी ने 2008 में ओलंपिक क्वालीफायर के दौरान 14 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदार्पण किया था। भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली सबसे कम उम्र की हॉकी खिलाड़ी बन गईं। 15 साल की उम्र में वह 2010 विश्व कप में भाग लेने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थीं। उन्होंने सात गोल किए। भारत ने 1978 के बाद से अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन हासिल किया था।
विश्व रैंकिंग में नौवां स्थान हासिल करने में मदद मिली। अपने पूरे करियर में रानी ने फॉरवर्ड और मिडफील्डर दोनों के रूप में खेलते हुए उल्लेखनीय बहुमुखी प्रतिभा का प्रदर्शन किया है। उन्होंने कई प्रमुख जीतों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिसमें 2017 महिला एशियाई कप में रजत पदक और 2018 एशियाई खेलों में रजत पदक शामिल है।
समापन समारोह में भारत की ध्वजवाहक थीं। रानी के नेतृत्व में 2020 टोक्यो ओलंपिक में भारतीय महिला हॉकी टीम ने ऐतिहासिक चौथा स्थान हासिल किया, जो टीम की अब तक की सर्वोच्च ओलंपिक रैंकिंग है। उपलब्धियों को कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। 2016 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
2020 में उन्हें भारत का सर्वोच्च खेल सम्मान मेजर ध्यानचंद खेल रत्न और चौथा सबसे बड़ा भारतीय राष्ट्रीय सम्मान पद्म श्री मिला। रानी को 2010 महिला हॉकी विश्व कप में "टूर्नामेंट की सर्वश्रेष्ठ युवा खिलाड़ी" और 2013 जूनियर विश्व कप में "प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट" नामित किया गया। भारत ने इस प्रतियोगिता में अपना पहला कांस्य पदक जीता था।
इस 29 वर्षीय दिग्गज फॉरवर्ड ने 2008 में ओलंपिक क्वालीफायर में 14 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय हॉकी में पदार्पण किया। उन्होंने भारत के लिए 254 मैच में 205 गोल किए। उन्हें 2020 में मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया और उसी वर्ष देश का चौथा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्मश्री उन्हें मिला। रानी को हाल ही में सब जूनियर महिला टीम का राष्ट्रीय कोच नियक्त किया गया।