भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश (CJI) रंजन गोगोई गुरुवार (19 मार्च) को राज्यसभा सदस्य के रूप में शपथ लेने के लिए संसद भवन पहुंच गए हैं। बताया जा रहा है कि वह 11 बजे शपथ लेंगे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सरकार की अनुशंसा पर गोगोई को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया था।
गोगोई ने अपने कार्यकाल में अयोध्या भूमि विवाद, राफेल लड़ाकू विमान और सबरीमला में महिलाओं के प्रवेश समेत कई अहम मामलों पर फैसला सुनाने वाली पीठ की अध्यक्षता की थी। गृह मंत्रालय ने सोमवार रात अधिसूचना जारी कर गोगोई को उच्च सदन के लिये मनोनीत करने की घोषणा की थी।
इसके बाद रंजन गोगोई को राज्यसभा के लिए मनोनीत करने पर सवाल खड़े किए गए, जिसके बाद रंजन गोगोई ने खुद सामने आकर कहा कि शपथ लेने के बाद उच्च सदन की सीट की पेशकश स्वीकार करने के बारे में वह विस्तार से बोलेंगे। यह बात उन्होंने गुवाहाटी में अपने आवास पर संवाददाताओं से संक्षिप्त बातचीत में कही थी।
उन्होंने कहा था कि पहले मुझे शपथ लेने दीजिए, इसके बाद मैं मीडिया से इस बारे में विस्तार से चर्चा करूंगा कि मैंने यह पद क्यों स्वीकार किया और मैं राज्यसभा क्यों जा रहा हूं। एक गजट अधिसूचना में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने एक मनोनीत सदस्य का पद रिक्त होने पर इस सीट के लिये गोगोई को मनोनीत किया।
पूर्व सीजेआई ने कहा था, 'भगवान संसद में मुझे स्वतंत्र आवाज की शक्ति दे। मेरे पास कहने को काफी कुछ है, लेकिन मुझे संसद में शपथ लेने दीजिए और तब मैं बोलूंगा।' गोगोई पिछले साल नवंबर में भारत के सीजेआई के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। वह इस पद पर करीब 13 महीनों तक रहे।