चारा घोटालाः लालू यादव को राहत पर रिहाई नहीं, नौ नवंबर को सुनवाई, 30 माह जेल में रह चुके हैं राजद प्रमुख
By एस पी सिन्हा | Published: October 9, 2020 04:09 PM2020-10-09T16:09:54+5:302020-10-09T16:09:54+5:30
राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर आज झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत में सुनवाई के बाद उन्हें इस केस में आधी सजा काट लेने के कारण जमानत दे दी गई.
पटनाः संयुक्त बिहार के बहुचर्चित चारा घोटाला में सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव को रांची हाईकोर्ट ने जमानत दे दिया है. इसके साथ ही लालू प्रसाद यादव को चाईबासा कोषागार केस में बड़ी राहत मिली है.
मगर अभी उनकी रिहाई नहीं हो पाएगी, जब तक चारा घोटाले से जुडे़ दुमका कोषागार मामले की सुनवाई पूरी नहीं हो जाती. राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर आज झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत में सुनवाई के बाद उन्हें इस केस में आधी सजा काट लेने के कारण जमानत दे दी गई.
वहीं, लालू प्रसाद यादव को जमानत मिलने के बाद उनके वकील ने कहा कि 2 लाख रुपए लालू प्रसाद यादव को जमा करना है. 30 माह लालू प्रसाद यादव जेल में रह चुके हैं. दुमका केस में सुनवाई के बाद ही लालू प्रसाद यादव जेल से बाहर निकल सकते हैं. 9 नवंवर को इसकी सुनवाई होने वाली है. उस दिन दुमका केस में भी लालू प्रसाद आधी सजा पूरी कर लेंगे.
लालू प्रसाद यादव की जमानत का सीबीआई के वकील ने विरोध किया था
लालू प्रसाद यादव की जमानत का सीबीआई के वकील ने विरोध किया था. लेकिन कोर्ट ने जमानत दे दी है. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की ओर से हाईकोर्ट में अपील याचिका दायर की गयी थी और जमानत देने का आग्रह किया गया था.
सीबीआई की विशेष अदालत ने चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी मामले में उन्हें पांच साल की सजा सुनाई थी. चारा घोटाले से संबंधित चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी के मामले में लालू यादव को सीबीआई कोर्ट ने पांच साल सी सजा सुनायी गई है. लालू ने अपनी जमानत याचिका में कहा है कि इस मामले में उन्होंने आधी सजा काट ली है. इस आधार पर लालू यादव ने बेल के लिए आवेदन किया था. प्राप्त जानकारी के अनुसार दुमका कोषागार मामले पर अगले महीने सुनवाई होनी है.
इससे पहले 11 सितंबर को सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से लालू की याचिका का विरोध किया गया था. सीबीआई ने जवाब दाखिल करते हुए कहा था कि लालू को चार मामले में सजा सुनाई गई है. सभी सजा अलग-अलग चल रही हैं. जब तक सभी सजा एक साथ चलने का आदेश संबंधित अदालत नहीं दे देती है, तब तक सभी सजा अलग-अलग चलेंगी.
सभी में आधी सजा काटने के बाद ही इन्हें जमानत मिल सकती है. जुलाई महीने में लालू प्रसाद यादव ने जमानत याचिका दाखिल की थी. इसमें उनके बिगडते स्वास्थ्य का भी हवाला दिया गया था. यहां बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव के लिहाज से लालू यादव की जमानत को काफी अहम माना जा रहा था. मगर दुमका मामले में सुनवाई लंबित है, जिस वजह से उन्हें रिहा नहीं किया जा सकता.
फिलहाल लालू यादव का रांची के रिम्स अस्पताल में भर्ती हैं. लालू प्रसाद यादव के बाहर निकलने से बिहार की राजनीति का समीकरण बदल सकता है. लालू प्रसाद यादव ने अपनी जमानत याचिका में अपनी बीमारी के बारे में भी बताया था. याचिका में बताया गया था कि वह करीब 15 बीमारी ग्रसित है. उनका इलाज कई सालों से रांची के रिम्स में हो रहा है. उनका स्वास्थ्य भी ठीक नहीं रहता है. इसलिए उनको जमानत दे दी जाए. जमानत के लिए लालू ने 4 जुलाई को हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.
यहां बता दें कि लालू प्रसाद यादव ने 23 दिसंबर 2017 से चारा घोटाले मामले में जेल में बंद हैं, दुमका, देवघर और चाईबासा मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने सजा सुनाई है. देवघर केस में उनको जमानत मिल चुकी है, लेकिन दुमका मामले में उन्हें जमानत नहीं मिली है.
लालू प्रसाद को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए रिम्स प्रबंधन ने उनको पेइंग वार्ड से हटाकर रिम्स निदेशक के बंगले में शिफ्ट किया गया है. इस बंगले पर ही लालू प्रसाद यादव रहते हैं. मुलाकात करने से पहले मुलाकातियों का कोरोना टेस्ट कराया जाता है. जिसके बाद वह किसी से मिल सकते हैं. रिम्स में रहने के दौरान लालू प्रसाद यादव के कई सेवादार और मेडिकल स्टाफ कोरोना पॉजिटिव हो गए थे. जिसके बाद लालू का कोरोना टेस्ट कराने के बाद रिम्स निदेशक के बंगले पर शिफ्ट किया गया है.
यहां पर भी बिहार के आरजेडी नेता टिकट को लेकर उनसे मिलने के लिए पहुंचे हैं. लेकिन सबकी मुलाकात नहीं हो पाता ही. उल्लेखनीय है कि लालू यादव, चारा घोटाले से जुडे तीन अलग-अलग मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद 23 दिसंबर 2017 से जेल में हैं. लालू को मई 2018 में इलाज के लिए अंतरिम जमानत दी गई थी, जिसे बाद में झारखंड हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया था. उनका अगस्त 2018 से रिम्स में इलाज चल रहा है.
Former Bihar CM Lalu Prasad Yadav granted bail by Jharkhand High Court, in the Chaibasa Treasury case related to fodder scam.
— ANI (@ANI) October 9, 2020
However, he will remain in jail since the Dumka treasury case is still pending. pic.twitter.com/RDk0eKS78F