जीएम सीड फसल को लेकर आंदोलन के मूड में बिहार के पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह, जरूरत पड़ने पर सीएम से करेंगे मुलाकात
By एस पी सिन्हा | Published: November 9, 2022 06:11 PM2022-11-09T18:11:36+5:302022-11-09T18:13:21+5:30
बिहार के पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने कहा कि जीएम सीड फसल भारत के किसानों के लिए सही नहीं है क्योंकि इस फसल का कोई बीज नहीं होता। सुधाकर सिंह ने कहा कि बिहार सरकार के कुछ निकम्मे अधिकारियों की वजह से इसे दोबारा बिहार में लागू कराने की कोशिश की जा रही है।
पटना: जीएम सीड फसल का देशभर में लगातार विरोध हो रहा है। खासकर हाइब्रिड सरसों की फसल को लेकर किसान ही नहीं बल्कि तमाम नेता भी विरोध जता रहे हैं। इसी कड़ी में आज राजधानी पटना में पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि विदेशी कंपनियां जीएम सीड फसल को लेकर देश के अधिकारियों के माध्यम से लगाना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि जीएम सीड फसल भारत के किसानों के लिए सही नहीं है क्योंकि इस फसल का कोई बीज नहीं होता। सुधाकर सिंह ने कहा कि बिहार सरकार के कुछ निकम्मे अधिकारियों की वजह से इसे दोबारा बिहार में लागू कराने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कृषि विभाग के कार्यकलापों पर सवाल खड़ा किया।
सुधाकर सिंह ने जीएम सीड की फाइल आगे बढ़ाने वाले अधिकारी पर कार्रवाई को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा है। उन्होंने विरोध जताते हुए कहा कि बिहार में कई ऐसे अधिकारी अभी भी मौजूद हैं, जो मुख्यमंत्री के विरोध के बावजूद जीएम सीड को बढ़ावा देने वाली फाइल मंत्रालय तक पहुंचा रहे हैं।
सुधाकर सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जीएम सिड फसल को बिहार में नहीं लागू करने का जब फैसला किया है तो अधिकारी यह कोशिश क्यों कर रहे हैं? उन्होंने कहा कि आने वाले शीतकालीन सत्र के दौरान सदन में भी इस पर आवाज उठाएंगे। सुधाकर सिंह ने कहा कि एमसीड फसल को लेकर हमने बिहार के सभी विधायक बिहार के सभी सांसदों और मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है कि जीएम सीड फसल का विरोध करें।
उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो अब मुख्यमंत्री से भी मुलाकात करेंगे। उन्होंने कहा कि इस नसबंदी किए हुए बीज से किसानों की खेती बर्बाद होगी और अंतर्राष्ट्रीय कंपनी इसको लेकर दवाब बना रही हैं। इसे विफल करना हमारा लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि भले ही मैं अब मंत्री नहीं हूं फिर भी किसानों की हित की लड़ाई को लड़ता रहूंगा।