1947 के बाद पहली बार चढ़े POK के शारदा पीठ पर फूल, मुस्लिम व्यक्ति ने किया पूजा, जानिए कारण

By भाषा | Updated: August 31, 2020 15:50 IST2020-08-31T15:50:18+5:302020-08-31T15:50:18+5:30

शारदा पीठ नियंत्रण रेखा के पास नीलम नदी के किनारे शारदा गांव में स्थित मंदिर है जहां अब कोई आता-जाता नहीं है। शारदा मां का यह मंदिर कभी ज्ञान का बड़ा केंद्र होता था और इसे दक्षिण एशिया में सर्वाधिक श्रद्धा वाले 18 मंदिरों में से एक माना जाता है।

Flowers on the Saradha Peeth of POK for the first time after 1947, Muslim person worshiped | 1947 के बाद पहली बार चढ़े POK के शारदा पीठ पर फूल, मुस्लिम व्यक्ति ने किया पूजा, जानिए कारण

पाकिस्तान सरकार ने पिछले साल एक कॉरिडोर स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी जिससे भारत से हिन्दू तीर्थयात्री शारदा पीठ जा सकेंगे। (file photo)

Highlights‘ऑल पार्टीज माइग्रैंट्स कोऑर्डिनेशन कमेटी’ (एपीएमसीसी) नामक संगठन ने यह जानकारी दी।विनोद पंडित के प्रयासों के बाद 26 अगस्त को शारदा अष्टमी की पूर्व संध्या पर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के स्थानीय निवासी रईस अहमद ने प्राचीन मंदिर में फूल चढ़ाए। संगठन के एक प्रवक्ता ने दावा किया कि 1947 के बाद यह पहली बार है जब अत्यधिक मान्यता वाले इस मंदिर में फूल चढ़ाए गए हैं।

जम्मूः पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में स्थित शारदा पीठ मंदिर में एक मुस्लिम व्यक्ति ने कश्मीरी प्रवासियों के एक संगठन की ओर से फूल चढ़ाए।

‘ऑल पार्टीज माइग्रैंट्स कोऑर्डिनेशन कमेटी’ (एपीएमसीसी) नामक संगठन ने यह जानकारी दी। शारदा पीठ नियंत्रण रेखा के पास नीलम नदी के किनारे शारदा गांव में स्थित मंदिर है जहां अब कोई आता-जाता नहीं है। शारदा मां का यह मंदिर कभी ज्ञान का बड़ा केंद्र होता था और इसे दक्षिण एशिया में सर्वाधिक श्रद्धा वाले 18 मंदिरों में से एक माना जाता है।

एपीएमसीसी ने कहा कि संगठन के अध्यक्ष विनोद पंडित के प्रयासों के बाद 26 अगस्त को शारदा अष्टमी की पूर्व संध्या पर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के स्थानीय निवासी रईस अहमद ने प्राचीन मंदिर में फूल चढ़ाए। संगठन के एक प्रवक्ता ने दावा किया कि 1947 के बाद यह पहली बार है जब अत्यधिक मान्यता वाले इस मंदिर में फूल चढ़ाए गए हैं।

एपीएमसीसी को घाटी में बंद पड़े विभिन्न मंदिरों को खुलवाने और गंगाबल तथा कौसर नाग की वार्षिक तीर्थयात्रा शुरू कराने का श्रेय जाता है। पाकिस्तान सरकार ने पिछले साल एक कॉरिडोर स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी जिससे भारत से हिन्दू तीर्थयात्री शारदा पीठ जा सकेंगे।

वैष्णोदेवी मंदिर डाक के जरिए देश भर में श्रद्धालुओं तक पहुंचाएगा प्रसाद

माता वैष्णो देवी मंदिर का प्रसाद अब देशभर में श्रद्धालुओं को उनकी मांग पर घर तक पहुंचा दिया जाएगा। जम्मू कश्मीर के रेयासी जिले में त्रिकूट पर्वत पर स्थित मंदिर को 16 अगस्त को खोला गया । कोरोना वायरस महामारी के कारण मंदिर करीब पांच महीने बंद रहा । मंदिर का प्रबंधन देखने वाले बोर्ड ने देश भर में लोगों तक प्रसाद पहुंचाने के लिए डाक विभाग से करार किया है।

बोर्ड ने यहां एक बयान में कहा, ‘‘श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड (एसएमवीडीएसबी) ने देशभर में श्रद्धालुओं को प्रसाद पहुचाने के लिए डाक विभाग के साथ एक समझौता किया है । ’’ श्राइन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रमेश कुमार और निदेशक (मुख्यालय) डाक विभाग, जम्मू कश्मीर गौरव श्रीवास्तव ने आध्यात्मिक विकास केंद्र कटरा में शनिवार को समझौते पर दस्तखत किया। बयान में कहा गया, ‘‘श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए खासकर मौजूदा हालात के दौरान बोर्ड ने प्रसाद को पहुंचाने की सुविधा शुरू की है।’’

बयान में कहा गया, ‘‘बोर्ड की इस पहल से महामारी के कारण यात्रा नहीं कर पाए श्रद्धालुओं तक प्रसाद पहुंचाने में बड़ी मदद होगी।’’ ना लाभ,ना हानि के आधार पर बोर्ड ने प्रसाद की तीन श्रेणियों की शुरुआत की है जिसे बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट के जरिए बुक किया जा सकता है।

फोन के जरिए नंबर - 9906019475 पर कॉल कर भी इस सुविधा का लाभ उठाया जा सकता है। इससे पहले श्राइन बोर्ड ने श्रद्धालुओं के लिए उनकी गैरमौजूदगी में भवन स्थित यज्ञ शाला में हवन या पूजा की सुविधा की भी शुरुआत की थी। बहरहाल, बोर्ड ने कहा कि मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।

Web Title: Flowers on the Saradha Peeth of POK for the first time after 1947, Muslim person worshiped

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