Flashback 2019: गृह मंत्रालय के लिए काफी व्यस्तताओं वाला रहा ये साल, अनुच्छेद 370, CAA और पुलवामा हमले जैसी ख़बरें सुर्ख़ियों में

By भाषा | Published: December 26, 2019 07:57 PM2019-12-26T19:57:04+5:302019-12-26T19:57:04+5:30

नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा लगातार दूसरी बार कार्यभार संभालने के दो महीने बाद ही शाह ने राज्यसभा में पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू कश्मीर को दिए गए विशेष दर्जे को समाप्त करने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित करने के फैसले की घोषणा की।

Flashback 2019: This year has been very busy for the Home Ministry, in the news headlines like Article 370, CAA and Pulwama attack | Flashback 2019: गृह मंत्रालय के लिए काफी व्यस्तताओं वाला रहा ये साल, अनुच्छेद 370, CAA और पुलवामा हमले जैसी ख़बरें सुर्ख़ियों में

संसद के हालिया संपन्न शीतकालीन सत्र में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को मंजूरी मिली।

Highlights2019 का वर्ष काफी महत्वपूर्ण रहा और इस दौरान जहां अनुच्छेद 370 को समाप्त किया गयापाकिस्तान ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और चीन की मदद से संयुक्त राष्ट्र भी पहुंचा

गृह मंत्रालय के लिए 2019 का वर्ष काफी महत्वपूर्ण रहा और इस दौरान जहां अनुच्छेद 370 को समाप्त किया गया और संशोधित नागरिकता कानून बना वहीं देश को पुलवामा आतंकी हमला भी झेलना पड़ा। इस वर्ष भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने मंत्रालय का प्रभार संभाला और कुछ कठोर फैसले लिए जिनकी गूंज देश और उपमहाद्वीप के साथ ही दुनिया के विभिन्न हिस्सों में भी सुनी गयी।

नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा लगातार दूसरी बार कार्यभार संभालने के दो महीने बाद ही शाह ने राज्यसभा में पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू कश्मीर को दिए गए विशेष दर्जे को समाप्त करने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित करने के फैसले की घोषणा की।

इस प्रकार संविधान के सबसे विवादास्पद प्रावधानों में से एक को समाप्त कर दिया गया जिसके तहत जम्मू कश्मीर को सात दशकों से अलग ध्वज, अलग संविधान की अनुमति दी थी। इस घोषणा से पहले कश्मीर घाटी में बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गयी और तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों - फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ़्ती सहित सैकड़ों लोगों को हिरासत में ले लिया गया।

इस दौरान संचार संपर्क पर भी रोक लगा दी गयी। कई हफ्तों के बाद लैंडलाइन फोन और मोबाइल नेटवर्क बहाल कर दिए गए लेकिन इंटरनेट सेवाएं अब भी निलंबित हैं और तीन पूर्व मुख्यमंत्री हिरासत में हैं। गृह मंत्रालय ने इसे ऐतिहासिक कदम बताया और शाह ने घोषणा की थी कि इससे राज्य में तीन दशक से चल रहा आतंकवाद समाप्त होगा, विकास होगा और जम्मू-कश्मीर का शेष भारत के साथ पूरी तरह से विलय होगा।

पाकिस्तान ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और चीन की मदद से संयुक्त राष्ट्र भी पहुंचा, हालांकि उसका प्रयास सफल नहीं हुआ। तुर्की और मलेशिया जैसे कुछ देशों ने जम्मू कश्मीर पर निर्णय के लिए भारत की खुले तौर पर आलोचना कीं लेकिन फ्रांस, रूस और अमेरिका सहित अधिकतर देशों ने भारत का समर्थन किया और कहा कि यह उसका आंतरिक मामला है।

संसद के हालिया संपन्न शीतकालीन सत्र में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को मंजूरी मिली। लेकिन सीएए के कथित भेदभावपूर्ण प्रावधानों को लेकर देश के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए और इन प्रदर्शनों के दौरान करीब दो दर्जन लोगों की मौत हो गई।

इस कानून के अनुसार, 31 दिसंबर, 2014 तक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से धार्मिक उत्पीड़न के चलते आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के सदस्यों को अवैध आव्रजक नहीं माना जाएगा और उन्हें भारतीय नागरिकता दी जाएगी।

इस साल 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमला हुआ जो सबसे भीषण आतंकवादी हमलों में से एक था। पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद ने सीआरपीएफ की एक बस को निशाना बनाया। इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए। इसके जवाब में भारत ने 12 दिन बाद यानी 26 फरवरी को पाकिस्तान के अंदर बालाकोट में आतंकी शिविरों पर बमबारी की। राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के मद्देनजर गृह मंत्रालय देश में सुरक्षा स्थिति पर नजर रखने में व्यस्त रहा।

गृह मंत्रालय को उस समय आलोचना का सामना करना पड़ा जब 23 नवंबर को सुबह 5.47 बजे विशेष प्रावधान को लागू करते हुए महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन हटाकर अल्पकालिक भाजपा-अजीत पवार सरकार को अनुमति दी गयी। इस साल गृह मंत्रालय ने एक और कदम उठाते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके बच्चों राहुल तथा प्रियंका को दी गयी एसपीजी सुरक्षा वापस लेने का निर्णय लिया।

उन्हें विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) के बदले सीआरपीएफ की जेड-प्लस सुरक्षा दी गयी। इस फैसले के कुछ दिनों बाद गृह मंत्री ने इस संबंध में संसद में एक विधेयक पेश किया जिसे दोनों सदनों ने मंजूरी प्राप्त कर दी। गृह मंत्रालय ने एक और कानून शुरू किया जिसे संसद की मंजूरी मिली। इस कानून के तहत सरकार किसी व्यक्ति को आतंकवादी घोषित कर सकती है।

गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) संशोधन कानून के लागू होने के बाद गृह मंत्रालय ने जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर, लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज मुहम्मद सईद, मुंबई हमले के आरोपी जकी-उर-रहमान-लखवी और भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहीम को आतंकवादी घोषित किया गया।

गृह मंत्रालय ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को नवगठित केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के हिस्से के रूप में दर्शाते हुए देश का एक नया नक्शा जारी किया। इसमें गिलगित-बाल्तिस्तान को केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के हिस्से के तौर पर दिखाया गया है। नवंबर में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंजाब में डेरा बाबा नानक को पाकिस्तान के करतारपुर साहिब गुरुद्वारे से जोड़ने वाले विशेष गलियारे का उद्घाटन किया।

दक्षिण-पश्चिमी मानसून के दौरान कई राज्य और केंद्रशासित प्रदेश बाढ़ की चपेट में आए। इस वर्ष मानसून के दौरान 2,391 लोगों की मौत हो गई और आठ लाख से अधिक घर क्षतिग्रस्त हो गए। गृह मंत्रालय ने कहा कि राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से प्राप्त जानकारी के अनुसार 2,391 लोगों की मौत हो गयी।

इसके साथ ही 15,729 मवेशी भी मारे गए और 8,00,067 घर क्षतिग्रस्त हो गए। 63.975 लाख हेक्टेयर फसलें प्रभावित हुईं। इस वर्ष गृह मंत्रालय ने विदेशी चंदा विनियम कानून के प्रावधानों के उल्लंघन को लेकर 1,800 से अधिक एनजीओ और शैक्षणिक संस्थानों के विदेशी धन प्राप्त करने पर रोक लगा दी। 

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