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पांच साल पहले पुलवामा में जवानों पर हुआ था जानलेवा हमला, बरसी के दिन 14 फरवरी को घाटी में अलर्ट जारी

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: February 13, 2023 16:30 IST

भारतीय संसद पर हुए हमले के दोषी मुहम्मद अफजल गुरु को फांसी देने के 10 साल पूरे होने पर कश्मीर में 9 फरवरी को तनाव जरूर था पर कुछ बड़ा नहीं हुआ। याद रहे अफजल गुरु को 9 फरवरी, 2013 को दिल्ली के तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गई थी।

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ठळक मुद्देजम्मू-कश्मीर में पुलवामा हमले की बरसी पर हाई अलर्ट सुरक्षा एजेंसिया घाटी में माहौल सही रखने के लिए चप्पे-चप्पे पर नजर रख रही हैसाल 2019 में पुलावामा हमले में करीब 50 जवानों की जान गई थी

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में 14 फरवरी 2019 को हुए आतंकी हमले में देश ने अपने 50 जवानों को खो दिया था। इस दिन को आज भी देश भुला नहीं पाया है। कल यानी 14 फरवरी को पुलवामा हादसे की पांचवी बरसी है, जिसे देखते हुए सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं। वहीं, इससे पहले अफजल गुरु और मकबूल भट्ट की बरसी के मौके पर घाटी में काफी तनाव था। 

बीती 9 और 11 फरवरी के दिन जम्मू-कश्मीर में तनाव में गुजरे हैं। कोई अप्रिय घटना नहीं हुई और न ही हड़ताल के किसी आह्वान का कोई प्रभाव देखा गया। मगर 9 फरवरी के बाद अब कल यानि 14 फरवरी की चिंता सुरक्षाधिकारियों सताए जा रही है। वर्ष 2019 में पुलवामा में एक मानव बम ने केरिपुब जवानों से भरी यात्री बस को विस्फोट से उड़ा 50 के करीब जवानों की जान ले ली थी।

भारतीय संसद पर हुए हमले के दोषी मुहम्मद अफजल गुरु को फांसी देने के 10 साल पूरे होने पर कश्मीर में 9 फरवरी को तनाव जरूर था पर कुछ बड़ा नहीं हुआ। याद रहे अफजल गुरु को 9 फरवरी, 2013 को दिल्ली के तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गई थी। जबकि 11 फरवरी को जेकेएलएफ के नेता मकबूल भट्ट की 39वीं बरसी पर भी कश्मीर में तनाव जरूर था। यह बात अलग है कि कश्मीर में फैले आतंकवाद के इतने सालों के बाद भी मानव बम कश्मीर में तैनात सुरक्षाबलों के लिए खतरे के तौर पर ही निरुपित किए जाते रहे हैं। यह कहने में कोई अतिश्योक्ति नहीं है कि पुलवामा हमले ने मानव बमों के इस्तेमाल को इस हालात तक पहुंचा दिया कि अभी तक इसका कोई तोड़ सुरक्षाधिकारी तलाश नहीं कर पाए हैं।

अगर खुफिया अधिकारियों की बातों पर विश्वास करें तो कश्मीर में आतंकी गठजोड़, जिसमें जैशे मुहम्मद, लश्करे तैयबा, हिज्बुल मुजाहिदीन तथा अल बदर भी शामिल हैं, पुलवामा हमले की पांचवीं बरसी पर तबाही मचाने के इरादे लिए हुए है। यही कारण था कि 14 फरवरी के लिए दिन पर पुलवामा हमले की पांचवीं बरसी पर कश्मीर में रेड अलर्ट जारी किया गया है।

अधिकारियों के मुताबिक, कश्मीर में आतंकियों के पुलवामा जैसे हमले की साजिश का बड़ा खुलासा हुआ है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, जम्मू कश्मीर में आतंकी सुरक्षाबलों पर आईईडी के जरिए हमले की साजिश में लगे हैं। सूचना है कि आतंकी संगठन जैशे मुहम्मद के नेतृत्व में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के आतंकियों ने एक साथ ग्रुप बनाकर हमला करने का प्लान तैयार किया है।

इसे भी भूला नहीं जा सकता कि जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा आतंकी हमलों के अंदेशे की दी जाने वाली पूर्व चेतावनियों व सूचनाओं को हर बार अन्य सुरक्षाबलों ने हमेशा से हलके से लिया है। सात साल पहले पठानकोट एयरबेस पर हुए हमले के बाद वर्ष 2019 में 14 फरवरी के ही दिन पुलवामा में हुए कार बम विस्फोट की चेतावनी ने फिर से इस सवाल को जागृत किया था कि आखिर क्यों कश्मीर पुलिस पर विश्वास नहीं किया जाता है।

टॅग्स :पुलवामा आतंकी हमलाJammuजम्मू कश्मीरआतंकी हमला
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