लखनऊ : बाराबंकी में मेयो इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज अस्पताल के दो डॉक्टरों और अस्पताल प्रशासन के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की गई है । एक एफआईआर मरीज की ऑक्सीजन आपूर्ति बंद करने से हुई मौत और दूसरी मरीज के इलाज के दौरान जबरन अधिक पैसे की मांग करने के बारे में है ।
मेयो अस्पताल के दो डॉक्टरों को केवल हत्या का नहीं बल्कि दोषपूर्ण गैर कानूनी हत्या और सबूतों को गायब करने का दोषी ठहराया गया है ।
दरअसल डॉ मनोज कुमार की शिकायत के आधार पर कोतवाली पुलिस स्टेशन में दो डॉक्टरों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई । डॉ मनोज ने आरोप लगाया कि 26 अप्रैल को ऑक्सीजन आपूर्ति हटाए जाने के बाद उनकी बहन की मौत हो गई ।
सर्किल ऑफिसर सीमा यादव ने कहा कि शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि 26 अप्रैल को उसकी बहन की हालत में सुधार हो रहा था लेकिन डॉ विनय पांडे और डॉ रमेश मिश्रा उस पर अपनी बहन को कहीं और ले जाने का दबाव डालने लगे ।
उसके बाद डॉक्टरों ने उनकी बहन की ऑक्सीजन आपूर्ति बंद कर दी , जिससे उसकी मौत हो गई । सीओ ने कहा कि शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है और जांच चल रही है ।
वहीं एक दूसरे मामले में अस्पताल प्रशासन के खिलाफ जबरन वसूली करने और डराने के लिए एक और प्राथमिकी दर्ज की गई थी ।
इसमें शिकायतकर्ता लखनऊ निवासी दुष्यंत कुमार ने अस्पताल कर्मचारियों पर उन्हें धमकी देने और 14 अप्रैल से 27 अप्रैल के बीच उनके पिता के इलाज के दौरान और अधिक पैसे मांगने का आरोप लगाया ।
सीओ ने कहा कि इस केस में अस्पताल प्रशासन के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है क्योंकि शिकायत में किसी व्यक्ति का नाम नहीं लिया गया है हमने मौत के समय मृत व्यक्ति की संपत्ति गलत ढंग से गबन करने और शांति भंग करने के इरादे से अपमान करने के तहत धाराएं लगाई हैं ।