वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, फंसे कर्ज में गिरावट से 2018-19 में बैंकिंग क्षेत्र के प्रदर्शन में सुधार
By भाषा | Published: July 4, 2019 05:36 PM2019-07-04T17:36:08+5:302019-07-04T17:36:08+5:30
बृहस्पतिवार को संसद में पेश आर्थिक समीक्षा में यह बात कही गई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को संसद में आर्थिक समीक्षा 2018-19 पेश की। आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि पिछले वर्ष के बाद मौद्रिक नीति की दिशा में बदलाव देखने को मिला।
फंसे कर्ज में गिरावट की वजह से 2018-19 में बैंकिंग क्षेत्र के प्रदर्शन में सुधार आया है। हालांकि , पूंजी बाजार से जुटाई गई पूंजी में गिरावट और गैर - बैंकिंग वित्तीय क्षेत्र के संकट के कारण पूंजी प्रवाह में रुकावट आई है।
बृहस्पतिवार को संसद में पेश आर्थिक समीक्षा में यह बात कही गई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को संसद में आर्थिक समीक्षा 2018-19 पेश की। आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि पिछले वर्ष के बाद मौद्रिक नीति की दिशा में बदलाव देखने को मिला।
नीतिगत दर (रिजर्व बैंक की रपो दर) में पिछले साल 0.5 प्रतिशत की वृद्धि की गई थी और बाद में मुद्रास्फीति में नरमी , अर्थव्यवस्था में सुस्ती और वैश्विक मौद्रिक परिदृश्य में नरमी की वजह से इस साल तीन बार की समीक्षा में कुल मिलना 0.75 प्रतिशत की कटौती की गई है।
सीतारमण ने कहा , " गैर - निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) अनुपात में कमी और बैंक की ओर से कर्ज देने में तेजी से बैंकिंग प्रणाली के प्रदर्शन में सुधार हुआ है। हालांकि , पूंजी बाजार से जुटाई गई राशि में कमी और गैर - बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के संकट ने अर्थव्यवस्था में पूंजी प्रवाह में रुकावट खड़ी की।"
उन्होंने कहा कि दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता के लिए तंत्र व्यवस्थित रूप से तैयार हो रहा है। इस व्यवस्था से बैंकों के फंसे कर्ज की वसूली में तेजी आई है और कारोबारी संस्कृति में सुधार हुआ है। हालांकि , सितंबर 2018 के बाद नकदी की स्थिति तंग बनी हुई है।
आर्थिक समीक्षा में नकदी की स्थिति (तरलता) के विषय में कहा गया है कि 2018-19 के अंतिम दो तिमाहियों व 2019-20 की पहली तिमाही में औसत नकदी स्थिति तंगी की ओर बढ़ी है। वित्त मंत्री ने कहा कि 2018-19 में बैंकिंग क्षेत्र विशेषकर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रदर्शन में सुधार हुआ।
सरकारी बैंकों का सकल एनपीए अनुपात मार्च से दिसंबर , 2018 के बीच 11.5 प्रतिशत से घटकर 10.1 प्रतिशत पर आ गया।