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"आखिरकार, मीरवाइज उमर फारूक 'आजाद' हुए", महबूबा मुफ्ती ने कहा

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: September 22, 2023 14:52 IST

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि मीरवाइज उमर फारूक जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल प्रशासन द्वारा वर्षों तक अपनी हिरासत से रखने से इनकार करने के बाद आखिरकार आजाद हो गये हैं।

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ठळक मुद्देमहबूबा मुफ्ती ने कहा कि मीरवाइज उमर फारूक आखिरकार आजाद हो गये जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल प्रशासन ने वर्षों तक अपनी हिरासत से रखने से इनकार करने के बाद कहामीरवाइज का मुस्लिम धर्म प्रमुख के रूप में पूरे जम्मू-कश्मीर में उनका बहुत सम्मान किया जाता है

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को कहा कि मीरवाइज उमर फारूक जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल प्रशासन द्वारा वर्षों तक अपनी हिरासत से रखने से इनकार करने के बाद आखिरकार आजाद हो गये हैं।

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने सोशल प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर किये एक पोस्ट में कहा, "आखिरकार मीरवाइज उमर फारूक अपनी नजरबंदी के बारे में उपराज्यपाल प्रशासन के वर्षों के इनकार के बाद आजाद शख्स की तरह चलेंगे। मुस्लिम धर्म प्रमुख के रूप में पूरे जम्मू-कश्मीर में उनका बहुत सम्मान किया जाता है। दुर्भाग्य से उनकी रिहाई का श्रेय लेने के लिए भाजपा और अन्य राजनीतिक दलों के बीच खींचतान शुरू हो गई है।"

कश्मीर की जामिया मस्जिद के प्रबंधन ने इस संबंध में एक संक्षिप्त बयान जारी करके कहा है कि मीरवाइज उमर फारूक को चार साल की "नजरबंदी" के बाद शुक्रवार की नमाज अदा करने की अनुमति दी जाएगी।

जम्मू-कश्मीर में मीरवाइज उमर फारूख अपनी धार्मिक और राजनीतिक गतिविधियों के कारण चर्चा के केंद्र में रहते हैं।  मीरवाइज उमर ने बार-बार आरोप लगाया है कि 2019 में अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद पुलिस ने उन्हें नजरबंद कर दिया है।

हालांकि, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने उनके बयान का खंडन करते हुए पिछले महीने श्रीनगर में मीडिया से कहा था कि उमर फारूक एक स्वतंत्र व्यक्ति हैं और प्रशासन की हिरासत में नहीं हैं।

इससे पहले अगस्त में केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित करने की चौथी वर्षगांठ मनाई थी। मीरवाइज उमर फारूक मीरवाइज मौलवी फारूक के बेटे हैं, जिनकी 21 मई 1990 को हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादियों ने हत्या कर दी थी।

इस साल मई की शुरुआत में जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर पुलिस की राज्य जांच एजेंसी ने मामले में हिजबुल मुजाहिदीन के दो फरार आतंकवादियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आतंकी जावेद अहमद भट और जहूर अहमद भट श्रीनगर के रहने वाले थे। वे 21 मई 1990 को मीरवाइज फारूक की हत्या के बाद से फरार थे।

टॅग्स :महबूबा मुफ़्तीMirwaiz Umar Farooqजम्मू कश्मीरमनोज सिन्हाManoj Sinha
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