हैदराबाद, 14 फरवरी लंबी दूरी तक सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (एलआरएसएएम) का अंतिम उत्पादन खेप रविवार को यहां ए पी जे अब्दुल कलाम मिसाइल परिसर के डीआरडीएल में शुरू किया गया।
डीआरडीओ ने औद्योगिक साझेदारों के साथ मिलकर इसका डिजायन तैयार किया है और इसे विकसित किया है तथा बीडीएल द्वारा समेकन किया गया है।
एक रक्षा विज्ञप्ति के अनुसार रविवार को इस मौके पर रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव एवं डीआरडीओ के अध्यक्ष जी सतीश रेड्डी तथा डिफेंस मशीन डिजायन एस्टैब्लिशमेंट के निदेशक रियर एडमिरल वी राजशेखर भी मौजूद थे।
डीआरआडी ने नौसेना के नवीनतम जहाजों को लैस करने के लिए मेसर्स एयरोस्पेस के साथ मिलकर विकसित किया है।
एलआरएसएएम मिसाइल प्रणाली जंगी विमानों, सबसोनिक और सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों समेत वायुमंडलीय लक्ष्यों के विरूद्ध बचाव प्रदान कर सकती है।
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